मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर भगदड़: 9 यात्री घायल, 2 की हालत गंभीर

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मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार (27 अक्टूबर) को दिवाली और छठ पूजा के मौके पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई. इस घटना में 9 यात्री घायल हो गए, जिनमें से 2 की हालत गंभीर बताई जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार, ये भीड़ मुख्य रूप से यूपी और बिहार जाने वाले यात्रियों की थी.

भगदड़ में 2 यात्रियों की हालत गंभीर

BMC के अनुसार, यह हादसा प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर तब हुआ जब गोरखपुर जाने वाली ट्रेन संख्या 22921 से यात्रा करने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचे हुए थे. भगदड़ में घायल हुए यात्रियों को बांद्रा के बाबा अस्पताल में भर्ती कराया गया है. 7 यात्रियों की हालत स्थिर है, जबकि 2 यात्री गंभीर रूप से घायल हैं.

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

हादसे के बाद रेलवे प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं. यात्रियों का कहना है कि स्टेशन पर आरपीएफ के कुछ जवान मौजूद थे, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं थे. लोग ट्रेन में चढ़ने की होड़ में एक-दूसरे को धक्का देने लगे, जिससे भगदड़ मच गई.

हादसे के दौरान यात्रियों के अनुसार, भगदड़ के बाद प्लेटफॉर्म पर लोगों के कपड़े फट गए और सारा सामान बिखर गया. भगदड़ के दौरान हुए संघर्ष में कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए, और प्लेटफॉर्म पर जगह-जगह खून देखा गया.

पश्चिमी रेलवे की प्रतिक्रिया

पश्चिमी रेलवे के सीआरपीओ विनीत अभिषेक ने बताया कि यह ट्रेन पूरी तरह से जनरल डिब्बों वाली थी और त्योहारों के चलते ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर पहले ही लाया गया था ताकि यात्री आराम से चढ़ सकें. हालांकि, लोग ट्रेन में जल्दी चढ़ने लगे, जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई.

हादसे में घायल हुए लोगों की सूची इस प्रकार है:

  • शब्बीर अब्दुल रहमान (40) – हालत स्थिर
  • परमेश्वर सुखदार गुप्ता (28) – हालत स्थिर
  • रवींद्र हरिहर चुमा (30) – हालत स्थिर
  • रामसेवक रवींद्र प्रसाद प्रजापति (29) – हालत स्थिर
  • संजय तिलकराम कांगाय (27) – हालत स्थिर
  • दिव्यांशु योगेंद्र यादव (18) – हालत स्थिर
  • मोहम्मद शरीफ शेख (25) – हालत स्थिर
  • इंद्रजीत साहनी (19) – हालत गंभीर
  • नूर मोहम्मद शेख (18) – हालत गंभीर

विशेष ट्रेन सेवाओं के बावजूद भीड़ बेकाबू

त्योहारों के मद्देनजर इस बार मुंबई से देशभर के अलग-अलग हिस्सों के लिए 87 अतिरिक्त ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इसके बावजूद यात्रियों की संख्या इतनी ज्यादा हो गई कि स्टेशन पर भीड़ को नियंत्रित करना मुश्किल हो गया. इस हदासे के बाद रेलवे की सुरक्षा और यात्री प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.

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