मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर अपनी सहमति जता दी है, जबकि लद्दाख को अभी इंतजार करना पड़ सकता है. मिली जानकारी के अनुसार, नवंबर के अंत में शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र में इस प्रस्ताव को लाया जाएगा. बता दें कि घाटी में उमर सरकार बनने के बाद से सीएम अब्दुल्ला ने कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए दिल्ली तक दौड़ लगाई और पीएम मोदी और गृह मंत्री से मुलाकात की. 23 और 24 अक्टूबर को दिल्ली पहुंचे सीएम उमर अब्दुल्ला ने दोनों नेताओं से मुलाकात कर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग की थी, जिस पर उन्हें इस वर्ष ही दर्जा बहाल करने का आश्वासन दिया गया था.
अनुच्छेद 370 और 35A हटने के बाद राज्य का पुनर्गठन
साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A को हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था. उसी समय सरकार ने राज्य का दर्जा वापस बहाल करने का वादा किया था, जिसे अब पूरा करने की योजना है.
कानूनी प्रक्रिया और संसदीय मंजूरी जरूरी
जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने के लिए संसद में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 में संशोधन किया जाएगा. यह प्रक्रिया संविधान की धारा 3 और 4 के तहत पूरी होगी. जिसके बाद संसद की दोनों सदनों से इस प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, और राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ ही राज्य का दर्जा बहाल हो जाएगा.
पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद बदलाव
- पुलिस और कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्य सरकार को मिलेगी.
- भूमि, राजस्व और पुलिस मामलों में कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को होगा.
- वित्तीय सहायता के लिए केंद्र पर निर्भरता खत्म होगी, और वित्त आयोग से वित्तीय मदद मिलेगी.
- राज्य विधानसभा को पब्लिक ऑर्डर और समवर्ती सूची में कानून बनाने का अधिकार मिलेगा.
- राज्य सरकार का एंटी करप्शन ब्यूरो पर पूर्ण नियंत्रण होगा, और अधिकारियों के ट्रांसफर व पोस्टिंग का अधिकार राज्य सरकार के पास होगा.
- व्यापार, टैक्स और वाणिज्य के मामलों में राज्य सरकार को पूर्ण अधिकार मिलेंगे.
क्यों हटा था पूर्ण राज्य का दर्जा
बता दें कि साल 2019 में अनुच्छेद 370 और 35A हटाते समय जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उस समय ही राज्य के हालात सामान्य होने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का भरोसा भी दिया था, और हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव 2024 में भी भाजपा ने इसे दोहराया था.
10 साल बाद हुए घाटी में विधानसभा चुनाव
अनुच्छेद 370 हटने के बाद इसी साल सितंबर में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस 42 सीटें जीतने के बाद सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. जबकि भाजपा 29 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही.