नई दिल्ली। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एक टीवी समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार को लेकर पंजाब पुलिस के अधिकारियों को फटकार लगाई.
कोर्ट ने पुलिस के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि लॉरेंस बिश्नोई को एक पुलिस थाने में एक वरिष्ठ अधिकारी के कार्यालय को टीवी साक्षात्कार के लिए स्टूडियो के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी. इसको लेकर हाई कोर्ट ने पुलिस और लॉरेंस बिश्नोई के बीच सांठगांठ और साजिश की जांच के लिए SIT गठित करने का निर्देश दिया.
जांच के लिए गठित होगी SIT
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और लपिता बनर्जी की खंडपीठ ने नए एसआईटी के गठन का आदेश तब पारित किया जब विशेष डीजीपी (पंजाब राज्य मानवाधिकार आयोग) प्रबोध कुमार ने दलील दी कि जिस SIT का वह नेतृत्व कर रहे थे, उसके पास अन्य अपराधों की जांच करने का अधिकार नहीं था.
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न्यायमूर्ति अनुपिंदर सिंह ग्रेवाल और लपिता बनर्जी ने जेल परिसर में कैदियों द्वारा मोबाइल फोन के इस्तेमाल से संबंधित एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पुलिस अधिकारियों ने अपराधी को इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का उपयोग करने की अनुमति दी और इंटरव्यू आयोजित करने के लिए स्टूडियो जैसी सुविधा प्रदान की, जो अपराधी और उसके सहयोगियों द्वारा जबरन वसूली सहित अन्य अपराधों को आसान बनाता है और अपराध को महिमामंडित करता है. इसलिए, मामले में आगे की जांच की आवश्यकता है.
टीवी समाचार चैनल को दिया था इंटरव्यू
पंजाबी गायक शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या के संदिग्ध लॉरेंस बिश्नोई ने मार्च 2023 में एबीपी न्यूज को एक इंटरव्यू दिया था. जिसमें लॉरेंस बिश्नोई ने स्वीकार किया था कि उसे हत्या की साजिश के बारे में पता था.