दीपोत्सव पर शुरू हुई राजनीति, सपा सांसद ने लगाया अपनी ही लोकसभा से बाहर रखने का आरोप

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देश में दीवाली पर आकर्षण का केंद्र बना अयोध्या बुद्धवार (30 अक्टूबर) को एक ऐतिहासिक गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने को तैयार है. लेकिन उससे ठीक पहले प्रदेश की राजनीति में दीपोत्सव को लेकर भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है. ये आरोप समाजवादी पार्टी के नेता और फैजाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद की ओर से लगाया गया है. बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि अयोध्या प्रशासन ने उन्हें दीपोत्सव कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया. यही कारण है कि उन्होंने भाजपा पर “हमारे त्योहारों का राजनीतिकरण करने” का आरोप लगाया.

अवधेश प्रसाद का भाजपा पर गंभीर आरोप

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के अनुसार, “मैं दिवाली के अवसर पर अयोध्या के सभी निवासियों को शुभकामनाएं देता हूं. मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि मैं यहां से चुना गया. भाजपा हमारे त्योहारों का भी राजनीतिकरण कर रही है. मुझे उम्मीद है कि यह भाईचारे का त्योहार होगा. भाजपा इस त्योहार का राजनीतिकरण कर रही है और लोगों को बांट रही है. मुझे दीपोत्सव के लिए कोई पास या निमंत्रण नहीं मिला है. यह त्योहार किसी एक समुदाय का नहीं है. मैं आज अयोध्या जाऊंगा. मुझे दीपोत्सव के लिए कोई पास या निमंत्रण नहीं मिला है.”

हिंदुओं का आध्यात्मिक केंद्र है अयोध्या

बता दें कि अयोध्या एक महत्वपूर्ण हिंदू आध्यात्मिक केंद्र है, जो फैजाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस पवित्र शहर में राम मंदिर है, जिसका उद्घाटन इस साल की शुरुआत में हुआ था. राम मंदिर के उद्घाटन से पहले ही साल 2017 से ही भाजपा की प्रदेश और केंद्र सरकार ने अयोध्या के सरयू घाट पर दीवाली और देव दीवाली के मौके पर दीपोत्सव का आयोजन शुरू कर दिया था. उसके बाद से ही यह आयोजन स्थानीय उत्सव से बढ़कर एक अंतरराष्ट्रीय सांस्कृतिक उत्सव बन गया है. इसमें अंतरराष्ट्रीय रामलीला मंडलियों द्वारा प्रस्तुतियां, ड्रोन शो, और मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन शामिल होते हैं, जो धार्मिक श्रद्धा और सांस्कृतिक विविधता का अनूठा संगम प्रस्तुत करते हैं.

क्या है अयोध्या दीपोत्सव?

दीपोत्सव 2024 पांच दिवसीय उत्सव है, जो भगवान राम के अयोध्या लौटने का जश्न मनाता है और लाखों भक्तों और पर्यटकों को आकर्षित करता है. बता दें कि अयोध्या के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाता है.

पीएम मोदी ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को घोषणा की कि इस साल की दिवाली ऐतिहासिक होगी, क्योंकि हजारों दीप अयोध्या में राम लला के जन्मस्थान पर बने मंदिर को रोशन करेंगे, जो 500 साल के इंतजार के बाद त्योहार का प्रतीक है. 55 घाटों पर 28 लाख दीये जलाने में सहयोग करने के लिए 30,000 से अधिक स्वयंसेवक जुटे हुए हैं, जिनमें नया घाट, पुराना घाट और भजन संध्या जैसे प्रमुख क्षेत्र उत्सव के प्राथमिक स्थान हैं.

राम मंदिर उद्घाटन के बाद यह पहला दीपोत्सव है

बता दें कि इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और अन्य प्रमुख अधिकारियों के शामिल होने की उम्मीद है, जो इस आयोजन के महत्व को उजागर करेंगे. गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स की एक टीम दीपोत्सव उत्सव की देखरेख कर रही है, जिसका लक्ष्य दो रिकॉर्ड स्थापित करना है. पहला- 1,100 लोगों की सरयू आरती और दूसरा 28 लाख दीये जलाना. राम मंदिर निर्माण के बाद यह पहला दीपोत्सव है. मंगलवार को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के सलाहकार निश्चल बरोट के नेतृत्व में 30 सदस्यीय टीम ने ड्रोन का उपयोग करके सरयू के 55 घाटों पर दीयों की गिनती शुरू की.