भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सबसे पुराने कार्यकर्ता भुलई भाई का 111 साल की आयु में निधन हो गया. सोमवार (31 अक्टूबर) शाम 6 बजे कप्तानगंज स्थित अपने घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली. मिली जानकारी के अनुसार, भुलई भाई का स्वास्थ्य कुछ दिनों से खराब था, और वह ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे.
दीनदयाल उपाध्याय से प्रेरित, समाज सेवा के लिए छोड़ी नौकरी
भुलई भाई का राजनीति में आना 1970 के दशक में दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों से प्रेरित होकर हुआ. वे उस समय एमए के छात्र थे, और शिक्षा अधिकारी के पद पर कार्यरत थे. 1974 में भारतीय जनसंघ ने उन्हें कुशीनगर की नौरंगिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए चुना, जहां से वे पहली बार विधायक बने. उन्होंने अपनी नौकरी छोड़कर पूरी तरह से समाज सेवा और राजनीति को अपना लिया, और तब से वे जनसंघ और बाद में भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़े रहे.
दो बार बने विधायक, जनता के लिए सादगी और समर्पण का प्रतीक
भुलई भाई ने नौरंगिया (जो वर्तमान में कुशीनगर जिले के खड्डा क्षेत्र में है) से 1974 में जनसंघ के टिकट पर विधायक का चुनाव जीता. इसके बाद 1977 में जब जनता पार्टी का गठन हुआ, तो उन्होंने फिर से जीत दर्ज की. अपनी सादगी और समर्पण के लिए पहचाने जाने वाले भुलई भाई का केसरिया गमछा उनकी पहचान बन गया था, जिसे वे हमेशा अपने साथ रखते थे.
योगी आदित्यनाथ सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विशेष अतिथि
साल 2022 में जब उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ, तो भुलई भाई को लखनऊ में हुए शपथ ग्रहण समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंच से नीचे उतर कर उनका सम्मान किया, जिससे उनके प्रति पार्टी के गहरे सम्मान और आभार का प्रदर्शन हुआ.
भाजपा और समाज के प्रति योगदान
भुलई भाई ने अपना जीवन समाज सेवा और भारतीय जनता पार्टी के संगठन में योगदान के लिए समर्पित किया. पार्टी के सबसे पुराने कार्यकर्ताओं में से एक होने के नाते उन्होंने कई महत्वपूर्ण राजनीतिक बदलाव देखे और उनमें अपना योगदान भी दिया. उनके निधन से पार्टी में शोक की लहर है और भारतीय जनता पार्टी ने उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा है कि उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
पीएम मोदी और अमित शाह से मिला सम्मान
कोविड के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं फोन कर उनका हालचाल लिया था. 2022 में उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भुलई भाई खास मेहमान के रूप में शामिल हुए थे, जहां अमित शाह ने उन्हें मंच से उतरकर सम्मानित किया था.
केसरिया गमछा भुलई भाई की पहचान
भुलई भाई का केसरिया गमछा उनकी पहचान बन चुका था. जब वह भारतीय जनसंघ से जुड़े, तो अपने केसरिया गमछे को उन्होंने अपनी विचारधारा और अपने सिद्धांतों का प्रतीक बना लिया. राजनीति में वे हमेशा इसी गमछे के साथ देखे जाते थे. उनका यह गमछा उनके समर्पण, सेवा और विचारधारा के प्रतीक के रूप में जाना जाता था.