Zeeshan Siddiqui Talked About His Father: अजित पवार के नेतृत्व वाली NCP के वरिष्ठ नेता बाबा सिद्दीकी की 12 अक्टूबर की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वहीं अपने पिता के मर्डर के बाद जीशान सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़ NCP में शामिल हो गए. वे बांद्रा ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं. इस बीच जीशान सिद्दीकी ने मीडिया इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने पिता की हत्या, लॉरेंस गैंग पर आरोप, पार्टी बदलने और चुनाव पर बातचीत की.
कभी नहीं सोचा था कि ऐसा वक्त भी आएगा
उनसे सवाल पूछा गया कि कुछ दिन पहले आपने अपने पिता को खोया, अब आप बांद्रा ईस्ट से चुनाव लड़ रहे हैं. आपके लिए क्या बदला हैं?
इस सवाल का जवाब देते हुए जीशान सिद्दीकी ने कहा कि ये शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है कि ये समय (Zeeshan Siddiqui Talked About His Father) कैसे गुजर रहा है. पापा से मेरा रिश्ता करीब था. चुनाव का समय है लेकिन वे यादों में हैं. उन्होंने कहा कि पापा भी यहीं चाहते होंगे की कोई भी लड़ाई अधूरी नहींं छोड़ी जानी चाहिए. मैं अपने लोगों के लिए आज भी लड़ रहा हूं.
हम दोनों चुनाव को लेकर कर रहे थे बात
जीशान सिद्दीकी से अगला सवाल पूछा गया कि व जब 12 अक्टूबर का दिन पीछे मुड़कर देखते हैं तो क्या याद आता है, उस दिन क्या हुआ था?
सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं और पापा दोनों ऑफिस में बैठे थे. हालांकि वे मेरे ऑफिस नहीं आया करते थे. वे 5 साल में सिर्फ 15 बार ही मेरे ऑफिस आए हैं. चुनाव आने वाले थे, तो हम इसे लेकर आपस में बात कर रहे थे कि क्या करना है.
मैं अपने केबिन में बैठा था और वे चेंबर में बैठे थे. हम दोनों ने कुछ देर बात की और फिर वे नमाज पढ़ने चले गए. मुझे भूख लगी थी तो मैं पास के ही होटल में खाने चला गया. तभी मेरे साथी ने चिल्लाकर कहा कि बाबा सिद्दीकी पर फायरिंग हुई हैं. मुझे पहले तो कुछ समझ नहीं आया. मैं अपनी चप्पल उतारकर नाश्ता कर रहा था, बिना चप्पल के ही भागा.
फिर पता चला कि पापा को लीलावती अस्पताल ले जाया गया है. वहां जाकर देखा कि पापा का ट्रीटमेंट चल रहा है, मैंने अपनी मां और बहन को कॉल किया. तभी डॉक्टर ने जानकारी दी कि पापा नहीं रहे.
मेरे परिवार पर जो गुजरा वो किसी पर न गुजरे
उनके पिता को Y+ सुरक्षा मिली थी. बांद्रा जैसे हाईप्रोफाइल इलाके में उनकी हत्या की गई. जीशान से सवाल किया गया कि आपको नहीं लगता कि ये महाराष्ट्र और केंद्र सरकार दोनों का फेलियर है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि जो भी हो, कमी हो, न हो. इस चीज की भरपाई जिंदगीभर नहीं हो पाएगी. यदि मुझे यह ऑप्शन दिया जाए कि पीएम बन जाओ या पापा को वापस लाओ, मैं यह कहूंगा कि मेरे पापा को वापस कर दो.
उन्होंने कहा कि मैं यहीं चाहता हूं कि मेरे परिवार पर जो गुजरा वो किसी और पर न गुजरे. हम दुश्मनों के लिए भी ऐसा नहीं सोच सकते. इतना बड़ा हादसा होने के बाद मुझे लगता है कि अगर मैं उस दिन इडली खाने नहीं गया होता, तो शायद ऐसा नहीं हुआ होता.
क्या पिता की हत्या महाराष्ट्र पुलिस का फेलियर?
जीशान सिद्दीकी से अगला सवाल किया गया कि क्या आपके पिता की हत्या महाराष्ट्र पुलिस का फेलियर है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि मैं ये कहने से नहीं झिझकूंगा कि ये पुलिस का फेलियर है. यह पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेलियर है. मुंबई पुलिस का फेलियर है. कुल तीन गोलियां चली, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पापा के गार्ड क्या कर रहे थे? ये एक सबसे अहम सवाल है. मैंने हॉस्पिटल में उनसे पूछा कि आप लोग क्या कह रहे थे, तो उन्होंने जवाब दिया कि हमें कुछ समझ नहीं आया.
लॉरेंस गैंग को लेकर जीशान सिद्दीकी ने क्या कहा?
पिता की हत्या करने में लॉरेंस गैंग का नाम आने पर जीशान सिद्दीकी ने कहा कि लॉरेंस का हाथ है या नहीं, यह मैं नहीं जानता. ये पुलिस बताएगी.
पहले जीशान कांग्रेस में थे. वहीं अब वे BJP के नेतृत्व वाली NCP का हिस्सा है. उनसे सवाल किया गया कि वह खुद को पार्टी तक सीमित रख रहे हैं या फिर NDA का हिस्सा भी मानते हैं? इसे लेकर उन्होंने कहा कि मैं NCP में इसलिए शामिल हुआ क्योंकि उनके नेता अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, ये सभी पहले कांग्रेसी थे. हम सब कांग्रेस का साथ छोड़कर आए हैं.
काग्रेंस मुझे ढाई साल से कह रही थी कि आपको बांद्रा से टिकट नहीं दे सकते. आप वर्सोवा और भायखाल से लड़ो. आप एक सिटिंग MLA को टिकट नहीं दे रहे और सहयोगी दल के दबाव में फैसले ले रहे हैं. जाहिर सी बात है कि मैं अपने लोगों के लिए हूं.
आपको जीशान पर भरोसा है तो उसे वोट दें
महाराष्ट्र में पिछले 5 साल में पार्टियां टूटी हैं. अब 6 पार्टियां है, दो गठबंधन. क्या वोटरों के लिए कंफ्यूजन वाली बात है? इसे लेकर उन्होंने कहा कि ये बात सही है कि पार्टियों न वोटर्स को कंफ्यूज कर दिया है. मैं यहीं कहूंगा कि जो बेहतर कैंडिडेट लगे उसे वोट करना चाहिए. यदि आपको जीशान पर भरोसा है तो आप उसे वोट दें. उन्होंने कहा कि अब वे कांग्रेस और शिवसेना (UBT) के साथ आने के बारे में सोच भी नहीं सकते.
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