लश्कर कमांडर उस्मान के एनकाउंटर के लिए सेना ने 9 घंटे तक की थी प्लानिंग… तब जाकर मिली सफलता

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J&K terror attack

J&K terror attack: 2 नवंबर को ढेर हुए लश्कर के टॉप कमांडर उस्मान के एनकाउंटर के बारे में सेना ने खुलासा किया है. सेना ने जानकारी दी है कि कैसे उन्होंने 8 साल से घाटी में छिपे मॉस्ट वांटेड आतंकी को ढेर करने के लिए बिस्किट ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सेना को जानकारी मिली थी कि उस्मान श्रीनगर के खान्यार इलाके में भीड़भाड़ वाली जगह पर रह रहा है. सूचना मिलने के बाद सेना ने श्रीनगर पुलिस के साथ मिलकर उस्मान को ढेर करने के लिए करीब 9 घंटे तक योजना बनाई.

घरों को खाली कराया और घेराबंदी शुरू की

सेना और पुलिस जवान 2 नवंबर (शनिवार) को सुबह की नमाज के पहले खान्यार पहुंचे, जहां उस्मान के छिपे होने की खबर मिली थी. सेना ने कई घरों को खाली कराया और घेराबंदी शुरू की. गली के कुत्तों के भौंकने से उस्मान अलर्ट हो जाता तो इसके लिए जवानों ने कुत्तों को बिस्किट खिलाया.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिस्किट खिलाने के बाद कुत्ते पूरे ऑपरेशन के दौरान शांत रहे, जिससे उस्मान को थोड़ी भी भनक नहीं मिली. वहीं सेना के जवान उस घर के करीब पहुंच गए.

उस्मान के पास थे एके-47, ग्रेनेड

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस्मान ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग की, जिसके बाद एनकाउंटर शुरू हुआ. उस्मान के पास एके-47, एक पिस्तौल और कई ग्रेनेड भी थे. सुरक्षाबलों और उस्मान के बीच भारी गोलीबारी हुई और कुछ ग्रेनेड उसी घर में फटे, जिसमें उस्मान था. ग्रेनेड फटने के बाद घर में आग लग गई.

उस्मान को किया गया ढेर

सुरक्षाबलों ने आग पर तुरंत काबू पाया. अगर आग आसपास के घरों में फैल जाती, तो सुरक्षाबलों के लिए स्थिति को काबू करना बेहद मुश्किल हो जाता. कई घंटों तक हुए इस मुठभेड़ (J&K terror attack) में उस्मान को ढेर कर दिया गया. वहीं, एनकाउंटर के दौरान चार जवान घायल हुए, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. हालांकि, सबकी हालत अब स्थिर है.

पहले भी घाटी में एक्टिव रहा उस्मान

सेना द्वारा बताया गया कि उस्मान कश्मीर घाटी को अच्छी तरह से जान चुका था. वह सन 2000 से घाटी में छिपा था. हालांकि, बाद में पाकिस्तान चले गया था. वह 2016-17 के फिर से श्रीनगर आया और लश्कर से जुड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम देने लग गया. 2023 में पुलिस इंस्पेक्टर मसरूर वानी की गोली मारकर हत्या कर दी गई, इसके पीछे भी उस्मान का ही हाथ था.

गैर-कश्मीरियों को निशाना बना रहा था लश्कर

बता दें कि सेना का यह ऑपरेशन इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि लश्कर पिछले कुछ दिनों से गैर-कश्मीरियों को अपना निशाना बना रहा था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, लश्कर के इन ऑपरेशन में उस्मान अहम भूमिका निभा रहा था. वह पाकिस्तान में बैठे हैंडलर्स के साथ सीधे संपर्क में था.

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