खुद कॉल कर बनाते थे फर्जी केस और फिर करते थे वसूली, जानें कैसे खुली वर्दीवाले गुंडों की पोल

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UP Police News

UP Police News: उत्तर प्रदेश पुलिस की अवैध कमाई का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. जिसने न सिर्फ आम जनता को बल्कि पूरी यूपी पुलिस को हैरान कर दिया है. मेरठ में पुलिस कर्मियों ने अवैध रूप से कमाई करने के लिए एक ऐसा जरिया निकाला, जो अब यूपी पुलिस के इतिहास में दर्ज हो गया है.

क्या है पूरा मामला?

यूपी के मेरठ में पुलिस रिस्पांस व्हीकल (PRV) में तैनात चार पुलिस कांस्टेबल और एक होमगार्ड यानी 5 पुलिसकर्मियों का गिरोह अवैध कमाई के लिए लंबे समय से फर्जी इवेंट बनाकर वसूली की वारदात को अंजाम दे रहा था. ये सभी अवैध वसूली की घटना को अंजाम देने के लिए अज्ञात फोन से पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करते थे और फिर घटना की झूठी सूचना देते थे. इसके बाद सभी कंट्रोल रूम में बताए गए संदिग्ध स्थान पर जाकर अवैध वसूली करते थे.

कैसे हुआ घटना का खुलासा?

इस घटना का खुलासा तब हुआ जब इन 5 पुलिसकर्मियों के गिरोह ने पुलिस कंट्रोल रूम को अवैध शराब से जुड़ी सूचना दी जिसके बाद उनकी PRV को घटना के लिए डिस्पैच किया गया. क्योंकि घटना उनके ही क्षेत्र की थी. वहीं इस घटना को इनके द्वारा गलत सूचना बता कर मामले को बंद किया गया. इस बीच PRV कर्मियों को लेकर पुलिस में कुछ शिकायतें दर्ज हुईं.

जिसके बाद पुलिस ने जब मामलों की जांच की तो सामने आया कि 5 पुलिसकर्मियों के इस गिरोह ने अन्य व्यक्ति के नाम पर एक सिम ले रखा था, जिससे यह कॉल करके फर्जी घटना को बनाते थे और फिर खुद उस संदिग्ध स्थान पर जाकर अवैध वसूली की घटना को अंजाम देते थे. अवैध वसूली की घटना को संज्ञान में लेते हुए पुलिस ने 5 पुलिसकर्मियों के इस गिरोह को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही मामले में आगे की जांच की जा रही है.