PM Vidya Lakshmi Scheme: अब आर्थिक तंगी की वजह से स्टूडेंट्स का उच्च शिक्षा पाने वाला सपना अधूरा नहीं रहेगा. क्योंकि केंद्र सरकार ने बिना गारंटर के 10 लाख रुपये तक के एजुकेशन लोन देने की सुविधा लिए प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है. इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंजूरी दी गई है. चलिए जानते हैं क्या है पीएम विद्यालक्ष्मी योजना? और छात्र इस योजना का लाभ कैसे उठा सकते हैं.
योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना के तहत, सालाना आठ लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के छात्रों को 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन दिया जाएगा. बता दें कि सरकार इस लोन पर 3% की ब्याज सब्सिडी भी प्रदान करेगी. योजना का लाभ उच्च शिक्षा संस्थानों में दाखिला लेने वाले छात्र ले सकते हैं और इसके लिए गारंटर की जरूरत नहीं होगी.
योजना के लाभ के लिए क्या जरूरी?
- संस्थान की रैंकिंग: जिस संस्थान में छात्र ने प्रवेश लिया है, वह NIRF रैंकिंग में देश में टॉप 100 और राज्य में टॉप 200 में होना चाहिए.
- वार्षिक आय सीमा: छात्र का पारिवारिक वार्षिक आय 8 लाख रुपये या उससे कम होनी चाहिए.
- क्रेडिट गारंटी: 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर भारत सरकार 75% क्रेडिट गारंटी देगी.
- लाभार्थियों की संख्या: हर साल 1 लाख छात्रों को इस योजना के तहत लोन मिलेगा.
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जाएगा. आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए विद्यालक्ष्मी पोर्टल (https://www.vidyalakshmi.co.in/) पर आवेदन किया जा सकता है. वेरीफिकेशन डिजीलॉकर जैसे माध्यम से किया जाएगा.
योजना का दायरा
इस योजना के तहत देश के 860 उच्च शिक्षा संस्थानों के लगभग 22 लाख छात्र कवर किए जाएंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत, पीएम विद्यालक्ष्मी योजना युवाओं को गुणवत्ता शिक्षा तक अधिकतम पहुंच देने का एक प्रयास है.
ब्याज सब्सिडी की व्यवस्था
इस योजना के तहत 7.5 लाख रुपये तक के लोन पर सरकार 75% क्रेडिट गारंटी देने वाली है और10 लाख रुपये तक के लोन पर 3% ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. बता दें कि जिन छात्रों की पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और जो अन्य सरकारी स्कॉलरशिप के पात्र नहीं हैं, वे भी इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
विद्यालक्ष्मी योजना के तहत छात्रों के लिए एकीकृत पोर्टल उपलब्ध होगा, जहां वे सभी बैंकों से लोन और ब्याज सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं. ब्याज सब्सिडी का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के माध्यम से किया जाएगा. क्योंकि पीएम विद्यालक्ष्मी योजना भारत सरकार की उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने की एक महत्वपूर्ण पहल है. यह योजना उच्च शिक्षा विभाग के अन्य कार्यक्रमों के साथ मिलकर छात्रों को सम्पूर्ण सहायता प्रदान करेगी.
एफसीआई के लिए विशेष वित्तीय सहायता
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भारतीय खाद्य निगम (FCI) के कार्यशील पूंजी के लिए 10,700 करोड़ रुपये की इक्विटी डालने की मंजूरी दी है. अधिक जानकारी के लिए विद्यालक्ष्मी पोर्टल (https://www.vidyalakshmi.co.in/) पर विजिट करें.