भारतवंशियों की संख्या अमेरिकी संसद में लगातार बढ़ रही है. इस बार हुए चुनाव में भारतीय मूल के छह उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. मौजूदा कांग्रेस में भारतवंशियों की संख्या पांच थी, जो अब बढ़ गई है. इसमें सभी पांच मौजूदा भारतीय-अमेरिकी सांसदों को फिर से चुन लिया गया है. बता दें कि यह सफलता भारतीयों के राजनीतिक कौशल और सामाजिक सेवा में उनकी सक्रियता को दर्शाती है.
नौ उम्मीदवारों में से छह ने मारी बाजी
अमेरिकी संसद में भारतीय मूल के सदस्यों के समूह को ‘समोसा काकस’ कहा जाता है. इस समूह में वर्तमान में अमी बेरा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, प्रमिला जयपाल और थानेदार शामिल हैं. इसके अलावा, एरिजोना के पहले संसदीय जिले से डॉ. अमीश शाह भी अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ मामूली बढ़त बनाए हुए हैं. उनकी जीत पर यह संख्या सात हो सकती है.
सुहास सुब्रमण्यम ने वर्जीनिया से जीतकर रचा इतिहास
भारतीय-अमेरिकी वकील सुहास सुब्रमण्यम ने वर्जीनिया से चुनाव जीतकर इतिहास रच दिया है. वे ईस्ट कोस्ट से चुने जाने वाले पहले भारतीय-अमेरिकी बन गए हैं. सुब्रमण्यम ने रिपब्लिकन माइक क्लांसी को हराया और उन्होंने जनता के विश्वास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है.
राजा कृष्णमूर्ति ने लगातार पांचवीं बार जीती बाजी
इलिनोइस के सातवें संसदीय जिले से राजा कृष्णमूर्ति ने लगातार पांचवीं बार जीत दर्ज की. उन्होंने इस जीत को इलिनोइस के लोगों का विश्वास बताया और अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है.
अमी बेरा, रो खन्ना और प्रमिला जयपाल ने भी मारी बाजी
कैलिफोर्निया के 17वें जिले से रो खन्ना और वॉशिंगटन राज्य के सातवें जिले से प्रमिला जयपाल ने भी अपनी सीट बरकरार रखी. डॉक्टर अमी बेरा, जो 2013 से कैलिफोर्निया के छठे संसदीय जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, लगातार सातवीं बार चुने गए हैं और भारतीय-अमेरिकी समुदाय के सबसे वरिष्ठ सांसद बने हुए हैं.