नई दिल्ली। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) के फैसले को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को Jet Airways के परिसमापन का आदेश दिया है. NCLAT ने स्वीकृत समाधान योजना के तहत बंद पड़ी एयरलाइन का स्वामित्व जालान-कलरॉक कंसोर्टियम (JKC) को ट्रांसफर करने का फैसला दिया था.
अप्रैल 2019 में बंद हुई थी Jet Airways
भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और अन्य लेनदारों की NCLAT के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए, भारत के मुख्य न्यायाधीश धनंजय वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि कोर्ट को समाधान प्रक्रिया पूरी होने में पांच साल की देरी के कारण कर्ज में डूबी Jet Airways के परिसमापन का आदेश देने के लिए अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्ति का प्रयोग करना पड़ा. कोर्ट के फैसले के बाद वित्तीय संकट के कारण अप्रैल 2019 में बंद हुई जेट एयरवेज पर लंबे समय से चल रही कानूनी लड़ाई खत्म हो गई है.
बता दें कि मार्च में NCLAT ने फैसले में जेट एयरवेज के लिए समाधान योजना को बरकरार रखा. जिससे एयरवेज पर JKC के अधिग्रहण को अधिकृत किया और स्वामित्व के हस्तांतरण को पूरा करने के लिए 90 दिनों की समय सीमा दी गई थी. NCLAT ने JKC को ₹ 150 करोड़ की प्रदर्शन बैंक गारंटी के समायोजन का निर्देश दिया था .
क्या है पूरा मामला
जिसके बाद SBI, पंजाब नेशनल बैंक और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नेतृत्व में लेनदारों ने NCLAT के मार्च के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपील की. दायर याचिका कहा गया कि JKC ने आवश्यक समय सीमा के भीतर ₹ 350 करोड़ की पूंजी और दुबई में संपत्तियों को गिरवी रखने जैसी अन्य वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करने सहित प्रमुख दायित्वों को पूरा नहीं किया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि JKC अपने दायित्वों को पूरा करने में विफल रही और वित्तीय प्रतिबद्धताओं को पूरा करके समाधान योजना की शर्तों का उल्लंघन किया.