हिसार/हरियाणा: हिसार जिले के रहने वाले जितेंद्र पाल ने अंगुली के नाखून के साईज की हनुमान चालीसा लिखकर अनोखा कारनामा किया है, जो कि एक सेंटीमीटर लंबी और आधा मीटर चौडी हनुमान चालीसा है। यह हनुमान चालीसा 15 पन्नों की है। जिसे लैमीनेशन किया गया है। हरियाणा के हिसार जिले के जितेंद्र पाल ने सूक्ष्म कलाकृति बनाने में काफी महारथ हासिल कर रखी है। हनुमान चालीसा कवर पेज पर हनुमान जी के पहाड़ उठाने वाले चित्र लगाए गए हैं। सुरक्षित रखने के लिए 15 पन्नों को लैमीनेशन करवाया गया है ताकि खराब न हो।
जितेंद्र के नाम हैं 35 रिकॉर्ड
जितेंद्र ने बताया कि हनुमान चालीसा को तैयार करने में लगातार मेहनत की है। इसकी खासियत ये है कि लोग इसे पढ़ भी सकते हैं। जितेंद्र ने बताया कि वे अभी तक 70 से अधिक सूक्ष्म वस्तुए बना चुके हैं, जिसके लिए वे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 35 रिकॉर्ड दर्ज करवा चुके हैं। जितेंद्र प्राइवेट स्कूल में ड्राइंग टीचर हैं। उन्होंने कहा कि भारत देश के लिए 35 रिकॉर्ड दर्ज करवाए हैं। ऐसा कारनामा करने वाले वह अकेले ही हैं।
उन्होंने कहा कि, सरकार से प्रमाण पत्र तो मिल चुके परंतु आर्थिक सहायता के नाम पर कुछ नहीं मिला और न ही सरकार ने कोई नौकरी दी। देश के लिए खिलाड़ी मेडल जीत लाता हैं, तो उसे सरकार द्वारा प्रोत्साहित राशि तथा नौकरी दी जाती है। ऐसे में उसने कला के क्षेत्र में काफी काम किया है। कला को निखारने वाले हमारे जैसे युवाओं को केंद्र व हरियाणा सरकार में प्रोत्साहन राशि व नौकरियां दी जानी चाहिए।
जितेंद्र पाल के अनुसार वे छोटी शतरंज, छोटी लूडो, साइकिल, हनुमान चालीसा, छोटा चरखा, छोटा गिटार, छोटा पालना, हैंडपंप, ड्रम सेट बजाने वाला चुके है। वहीं, सुई में धागे डालने का रिकार्ड बना चुके हैं। मामूली सुई में 26700 छोटे सूक्ष्म धागे डालने का रिकॉर्ड बना चुका है। चावल के दानों पर अलग अलग देशों के झंडे बना चुके है अनाज व चावल के दानों पर धार्मिक गुरुओं की अलग अलग तस्वीरे बना चुके है। एक छोटी पतंग बना कर व उसे उड़ा कर दिखाने का भी रिकॉर्ड बना चुके है। गुरु ग्रंथ की चौपाइयां पुस्तक लिख चुके है।
लेखक: विशाल राणा