‘Sharad Pawar की 4 पीढ़ियां भी आ जाएं तब भी वापस नहीं आएगा आर्टिकल 370’, MVA के प्रस्ताव पर भड़के अमित शाह

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Maharashtra Elections 2024: जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद पहली केंद्र शासित सरकार का गठन हो चुका है और राज्य का पहला विधानसभा सेशन भी चालू है. हालांकि पिछले 4 दिनों में यह विधानसभा सत्र आर्टिकल 370 की बहाली के प्रस्ताव को लेकर चल रहे हंगामे की भेंट ही चढ़ा है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा में पारित आर्टिकल 370 की बहाली की मांग वाले प्रस्ताव को लेकर महा विकास अघाड़ी (MVA) पर निशाना साधा और चेतावनी देते हुए कहा कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) सुप्रीमो शरद पवार की चार पीढ़ियों के बाद भी आर्टिकल 370 को बहाल नहीं किया जाएगा.

Sharad Pawar साहब की 4 पीढ़ियां भी आएं तब भी वापस नहीं लौटेगा आर्टिकल 370

उन्होंने कहा,”नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी ने आर्टिकल 370 को वापस लाने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया, कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग नहीं है. आज मैं संभाजी महाराज की धरती पर कह रहा हूं – शरद पवार साहब, चाहे आपकी चार पीढ़ियां आ जाएं, हम आर्टिकल 370 को वापस नहीं आने देंगे.”

उन्होंने आगे पूछा कि औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर किया जाना चाहिए या नहीं. उन्होंने कहा, “MVA और उद्धव ठाकरे इस कदम का विरोध करते हैं, लेकिन नाम संभाजीनगर ही रहेगा.”

कांग्रेस के वक्फ बिल से देश है परेशान

गृह मंत्री ने महा विकास अघाड़ी पर ‘तुष्टीकरण की राजनीति’ करने का आरोप लगाया.

शाह ने कहा,”कांग्रेस पार्टी द्वारा बनाए गए वक्फ बोर्ड के कुछ प्रावधानों से पूरा देश परेशान है. पीएम मोदी उसमें बदलाव लाने के लिए संसद में विधेयक लेकर आए. कर्नाटक में मंदिरों और लोगों की जमीन समेत पूरा गांव वक्फ की संपत्ति घोषित कर दिया गया है. मैं पवार साहब और उद्धव जी से पूछने आया हूं कि आप बिल का समर्थन करेंगे या विरोध करेंगे. वे जवाब नहीं देंगे. अगर वे (महा विकास अघाड़ी) सत्ता में आए तो वे किसानों की जमीन भी वक्फ बोर्ड के नाम करने की कोशिश करेंगे.”

कोई नहीं हड़प सकता मंदिर और किसानों की जमीन

गृह मंत्री ने आगे कहा कि जब तक एनडीए सरकार सत्ता में है, तब तक सरकार किसी को भी मंदिरों और किसानों की जमीन को छूने नहीं देगी. अयोध्या राम मंदिर पर बोलते हुए शाह ने कहा कि राम लला 500 साल तक ‘टेंट’ में थे और कांग्रेस मंदिर निर्माण में देरी कर रही थी.

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उन्होंने कहा, “पीएम मोदी सत्ता में आए और 5 साल में मंदिर के लिए भूमि पूजन किया. फिर उन्होंने निर्माण कार्य शुरू किया और प्राण प्रतिष्ठा की. शरद पवार, राहुल गांधी और उद्धव ठाकरे समारोह में शामिल नहीं हुए क्योंकि उन्हें अपना वोट बैंक खोने का डर है. हमने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भी बनाया है और सोमनाथ मंदिर सोने से बनने जा रहा है.”

महायुति सरकार ही खत्म कर सकती है तुष्टिकरण की राजनीति

उन्होंने आगे कहा कि केवल महायुति सरकार ही तुष्टिकरण की राजनीति को खत्म कर सकती है. शाह ने कहा कि एमवीए 2004 से 2014 तक सत्ता में थी और उस अवधि के दौरान महाराष्ट्र को 1 लाख 91 हजार करोड़ मिले जबकि पीएम मोदी ने पिछले 10 वर्षों में 10 लाख 15 हजार करोड़ दिए. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 20 नवंबर को होने हैं, जिसमें सभी 288 निर्वाचन क्षेत्रों के वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी.

विपक्षी एमवीए गठबंधन, जिसमें कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एससीपी) शामिल हैं, राज्य में सत्ता हासिल करना चाहता है, और महायुति गठबंधन को चुनौती दे रहा है, जिसमें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी शामिल हैं. 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने 105 सीटें जीतीं, शिवसेना ने 56 और कांग्रेस ने 44 सीटें हासिल कीं. 2014 में, भाजपा ने 122 सीटें, शिवसेना ने 63 और कांग्रेस ने 42 सीटें जीतीं.