प्रयागराज: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) के समक्ष प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन थमने का नाम नहीं ले रहा है. पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक शिफ्ट में कराने की घोषणा के बावजूद, छात्र आयोग के दो नंबर गेट के सामने प्रदर्शन करते हुए डटे हुए हैं. उनकी मांग है कि आयोग आरओ-एआरओ (RO/ARO) प्रारंभिक परीक्षा भी एक ही दिन में एक शिफ्ट में आयोजित करने की स्पष्ट घोषणा करें. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी यह मांग पूरी नहीं की जाती, वे धरना समाप्त नहीं करेंगे.
RO/ARO परीक्षा पर फंसा पेच
आयोग ने RO/ARO परीक्षा की व्यवस्थित तैयारी हेतु एक उच्च स्तरीय कमेटी के गठन की घोषणा की है. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परीक्षा का अंतिम निर्णय लिया जाएगा. लेकिन छात्र इस आश्वासन को पर्याप्त नहीं मानते हैं और चाहते हैं कि आयोग एक दिन में परीक्षा कराने का नोटिस जारी करे, जैसा पीसीएस के लिए किया गया है. छात्रों का यह भी कहना है कि केवल समिति बनाने का आश्वासन देना उनकी मांग को हल्के में लेने जैसा है.
RO/ARO परीक्षा के लिए 10 लाख से अधिक पंजीकरण हुए
RO/ARO परीक्षा में कुल 10,76,004 अभ्यर्थियों ने पंजीकरण कराया है, जो पीसीएस परीक्षा के पंजीकृत 5,76,978 अभ्यर्थियों से कहीं अधिक है. परीक्षा में इतने अधिक अभ्यर्थियों के कारण केंद्रों की कमी का सामना करना पड़ रहा है. एक शासनादेश के अनुसार, आयोग को प्राइवेट या अधोमानक केंद्र बनाने से परहेज है, और परीक्षा केंद्रों को कलेक्ट्रेट/कोषागार से 20 किलोमीटर के भीतर ही रखना है. पर्याप्त परीक्षा केंद्र न मिलने के कारण आयोग को परीक्षा एक से अधिक दिनों में कराने का निर्णय लेना पड़ा, साथ ही नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया को अपनाना पड़ा, जिसे जनवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने भी उचित ठहराया है. लेकिन छात्र नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया से खुश नहीं हैं.
वहीं, इस मामले में UPPSC का कहना है कि प्रदेश के 75 जिलों में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा-2024 के लिए आवश्यक 1,758 केंद्रों में से केवल 55 प्रतिशत केंद्र ही उपलब्ध हो सके हैं. ऐसे में पर्याप्त परीक्षा केंद्रों की अनुपलब्धता के चलते आयोग को नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ा.