Gautam Adani: गौतम अडाणी को लेकर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में एक दावा किया जा रहा है. जिसमें कहा गया है कि अरबों रुपए की रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी करने के आरोप में समन भेजना अमेरिकी सिक्योरिटीज एंड कमीशन के अधिकार में नहीं है. समन उचित राजनयिक माध्यम से भेजना होगा.
एडवोकेट विशात तिवारी ने लगाई याचिका
वहीं, गौतम अडाणी (Gautam Adani) समेत 8 लोगों से जुड़ा यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गया है. एडवोकेट विशाल तिवारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस मामले की जांच की मांग की है. याचिका में अडाणी ग्रुप के खिलाफ शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की मार्केट रेगुलेटर SEBI की ओर से की गई जांच में खामियों का भी आरोप लगाया गया है. साथ ही सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की विश्वसनीयता पर चिंता जताई गई.
‘भारतीय एजेंसियों की ओर से भी होनी चाहिए जांच’
याचिकाकर्ता ने कहा कि, अमेरिकी जस्टिस डिपार्टमेंट के आदेश और यूनाइटेड स्टेट सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन की शिकायत ने अडाणी ग्रुप की गड़बड़ियों को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि आरोप इतने गंभीर हैं कि देश के हित में भारतीय एजेंसियों की ओर से भी इस मामले की जांच की जानी चाहिए. हिंडनबर्ग की ओर से लगाए गए आरोपों की जांच की मांग के लिए एडवोकेट विशाल तिवारी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं.
SEC के पास सीधे समन भेजने का अधिकार नहीं
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी SEC को गौतम अडाणी (Gautam Adani) और उनके भतीजे सागर को उचित राजनयिक माध्यम से समन भेजना होगा, क्योंकि किसी विदेशी नागरिक को सीधे समन भेजना उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं है. अमेरिकी SEC का विदेशी नागरिकों पर कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है और वह उन्हें डाक से कुछ भी नहीं भेज सकता. 1965 हेग कन्वेंशन, भारत और अमेरिका के बीच पारस्परिक कानूनी सहायता संधि ऐसे मामलों को नियंत्रित करती है.
21 दिन के अंदर SEC को जवाब देना होगा
इससे पहले शनिवार को खबर आई थी कि अमेरिकी SEC ने गौतम अडाणी और भतीजे सागर अडाणी को उन पर लगे रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए तलब किया था. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, अडाणी के अहमदाबाद स्थित शांतिवन फार्म हाउस और उनके भतीजे सागर के उसी शहर में बोदकदेव रेजीडेंसी पर 21 दिन के अंदर SEC को जवाब देने के लिए समन भेजा गया है.
अदालत में दाखिल करना होगा जवाब
न्यूयॉर्क ईस्टर्न जिला कोर्ट के माध्यम से भेजे गए नोटिस में कहा गया है कि ‘इस समन की तामील के 21 दिनों के अंदर आपको वादी (SEC) को अटैच्ड शिकायत का जवाब देना होगा या फेडरल रूल्स ऑफ सिविल प्रोसीजर के नियम 12 के तहत एक मोशन सर्व करना होगा. अगर जवाब देने में विफल रहते हैं, तो शिकायत में मांगी गई राहत के लिए अडाणी के खिलाफ फैसला लिया जाएगा. जवाब अदालत में दाखिल करना होगा.
कल से संसद का शीतकालीन सत्र, पेश होंगे कई महत्वपूर्ण विधेयक, हंगामे के आसार
दरअसल, 21 नवंबर को यूनाइटेड स्टेट्स अटॉर्नी ऑफिस की ओर से कहा गया था कि अडाणी ने भारत में सोलर एनर्जी से जुड़ा कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 265 मिलियन डॉलर (करीब 2200 करोड़ रुपए) की रिश्वत दी या देने की योजना बना रहे थे.
Jaipur News: जयपुर जीआरपी ने 255 गुमशुदा मोबाइल फोन किए बरामद | Top News | Latest News
यह पूरा मामला अडाणी ग्रुप की कंपनी अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और एक अन्य फर्म से जुड़ा हुआ है. 24 अक्टूबर 2024 को न्यूयॉर्क की फेडरल कोर्ट में यह केस दर्ज हुआ था. 20 नवंबर को इसकी सुनवाई में गौतम अडाणी, भतीजे सागर अडाणी समेत 8 लोगों को आरोपी बनाया गया है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, गौतम अडाणी और सागर के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी किया गया है. सागर अडाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के अधिकारी हैं.