छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन, SBP कॉलेज गेट पर ताला जड़कर फूंका टायर

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Demonstration of students demanding holding of student union elections
Demonstration of students demanding holding of student union elections

डूंगरपुर। इन दिनों छात्र संघ चुनाव पर रोक लगने के कारण पूरे प्रदेश के छात्रों में हड़कंप मचा हुआ है. मालूम हो कि हाल ही में उच्च शिक्षा विभाग ने इस साल चुनावों पर रोक लगाने के आदेश जारी किए थे. इसके बाद छात्रों में रोष पैदा हो गया. इसको लेकर डूंगरपुर में छात्र धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा BPVM के जिला मीडिया प्रभारी विजयपाल होता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि छात्र संघ अध्यक्ष तुषार परमार के नेतृत्व में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के समस्त कार्यकर्ता SBP कॉलेज परिसर में एकत्रित हुए. इसके बाद छात्रों ने नारे बाजी करते हुए शैक्षणिक शाखा में होते हुए कॉलेज के मुख्य गेट पर ताला लगा दिया. छात्रों ने एक जुट होकर धरना प्रदर्शन किया और आम सभा की हुई.

इस सभा में प्रदेश संयोजक पोपट खोखरीया, छात्र संघ अध्यक्ष तुषार परमार, छात्र नेता लोकेश रोत, गटूलाल कटारा, राहुल डामोर, जिला मीडिया प्रभारी विजयपाल होता, जिला सह संयोजक गिरीश परमार, जयंतीलाल वरहात ने संबोधन दिया. जिसमें छात्र संघ चुनाव नहीं करवाने की बात का जिक्र करते हुए कहा गया कि, इसमे लिंगदोह कमेटी की पालना न करना बताया गया. सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को आदेश भेजकर छात्र संघ चुनाव ना करवाने को कहा गया.

छात्रों ने कहा कि लिंग दोह कमेटी की पालना करवाना राज्य सरकार प्रशासन कुलपति और प्राचार्य की जिम्मेदारी होती है. छात्र संघ चुनाव छात्रों के लिए एक त्योहार है, छात्रसंघ चुनाव पहले की तरह यथावत रखे जाएं. क्योंकि ये लोकतंत्र की पहली सीढ़ी हैं, जिससे विद्यार्थियों को सिखने को मिलता हैं. विद्यार्थियों के साथ जो समस्या आती हैं, उसके खिलाफ छात्रसंघ अपनी आवाज बुलंद कर सकते हैं.

राजस्थान के मुखिया स्वयं छात्र राजनीतिक से अपना जीवन शुरू कर के मुख्यधारा की राजनीति में गए हैं. और आज प्रदेश के मुख्यमंत्री है और राजस्थान के अन्य कई राजनेता छात्र राजनीतिक से ही मुख्यधारा की राजनीतिक में गए हैं. अन्य राज्यों में भी छात्र संघ चुनाव हो रहे हैं, तो राजस्थान में छात्र संघ चुनाव न करवाने का जो काला फरमान जारी किया है उसे तुरंत वापस लिया जाए.

प्रदर्शन के दौरान कहा गया कि छात्र पिछले कई वर्षों से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं, ऐसे में अगर इस बार चुनाव नहीं कराए गए तो कहीं विद्यार्थी अपनी उम्र पूरी कर लेंगे या पढ़ाई पूरी होने के चलते महाविद्यालय व विश्वविद्यालय में चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

छात्र संघ चुनाव बंद करवाना सरासर लोकतंत्र की हत्या है छात्रों की हक अधिकार छीनना है. वहीं यह भी कहा गया कि समय रहते छात्रसंघ चुनाव की तिथि घोषित नहीं की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा. सड़कें जाम की जाएगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार शासन प्रशासन की रहेगी.

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