नई दिल्ली/डेस्क: भारत की ओर से चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने के करीब एक हफ्ते बाद दुनिया भर में चावल की काफी कमी देखी जा रही है, वहीं अमेरिका में रह रहे भारतीय लोगों को इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है, पिछले कुछ समय में अमेरिका के अलग-अलग शहरों से कई ऐसे वीडियो आए हैं जहां लोग चावल खरीदने के लिए लंबी लाइनों में लगे नजर आए.
लेकिन अब नेपाल ने भारत से 10 लाख टन धान, एक लाख टन चावल और 50 हजार टन चीनी उपलब्ध कराने की मांग की है, दरअसल, अगले कुछ महीनों में त्योहार का सीजन आने वाला है, ऐसे में इस दौरान खाने के सामानों की कमी से बचने के लिए नेपाल ने ये मांग की है. काठमांडू पोस्ट के मुताबिक, नेपाल के कॉमर्स एंड सप्लाई मिनिस्ट्री के जॉइंट सेक्रेटरी राम चंद्र तिवारी ने बताया की पिछले हफ्ते उन्होंने भारत से चावल, चीनी और धान उपलब्ध कराने की अपील की है.
नेपाल के जॉइंट सेक्रेटरी ने कहा- फिलहाल बाजार में चावल और चीनी की कोई कमी नहीं है, लेकिन अक्टूबर-नवंबर के बीच त्योहार के समय में चावल और चीनी की खपत बढ़ जाती है, इसका सीधा असर कीमतों पर पड़ता है, आम जनता को भविष्य में किसी तरह की कमी का सामना न करना पड़े, इस वजह से सरकार पहले से तैयार रहना चाहती है.
20 जुलाई को भारत ने डोमेस्टिक सप्लाई को बढ़ने और त्योहार के वक्त रिटेल कीमतों को कंट्रोल में रखने के लिए गैर-बासमती सफेद चावल की सप्लाई में रोक लगा दी थी, देश से करीब 25% सप्लाई गैर-बासमती सफेद चावल की होती है, नेपाल में मुख्य रूप से चावल खाया जाता है इसलिए चावल की कमी पूरी करने के लिए एक बड़ा हिस्सा वहां भारत से जाता है. नेपाल के समाचार पत्र ,‘द काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल ने भारत से अप्रैल 2021 से मार्च 2022 के बीच अब तक का सबसे ज्यादा 14 लाख टन चावल इंपोर्ट किया था.
व्यापारियों को जैसे ही ये पता चला, उन्होंने भारी मात्रा में चावल की जमाखोरी शुरू कर दी, इसकी वजह से नेपाल में गैर-बासमती चावल की कीमतें बढ़ गईं, नेपाल इसके बदले भारत को टमाटर की सप्लाई कर रहा है, भारत में टमाटर की कीमतें आसमान छू रही हैं, ऐसे में नेपाल ने मदद का हाथ बढ़ाया है, गर्मी और बारिश के कारण टमाटर की कीमत बढ़ गई है.