गांजे के इस्तेमाल और खेती को लीगल बनाने की शुरुआत

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नई दिल्ली/डेस्क: भारत में पहले गांजे का इस्तेमाल भी खुले तौर पर किया जा सकता था, लेकिन 1985 के बाद इस पर रोक लगा दी गई, अगर कोई गांजे का इस्तेमाल करता हुआ पकड़ा जाता है तो उस पर 1 साल से लेकर 20 साल तक की सजा हो सकती है और 10 हजार से लेकर 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है, तो वहीं दूसरी तरफ दुनियाभर के देश गांजे के इस्तेमाल को वैध बना रहे हैं, हाल ही में जर्मनी ने गांजे के इस्तेमाल और खेती को लीगल बनाने की शुरुआत कर दी है और कैबिनेट ने बुधवार को गांजे से जुड़े बिल को मंजूरी भी दे दी है.

यानी जर्मन लोग अब गांजे का उपयोग और उसकी खेती कर सकेंगे, इस बिल का मकसद गांजे की कालाबाजारी और ड्रग से जुड़े अपराधों पर लगाम लगाना है. जर्मनी के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि किसी को भी इस कानून का गलत मतलब नहीं समझना चाहिए, गांजा कानूनी हो जाएगा, लेकिन यह हानिकारक तो रहेगा ही, इस बिल का मकसद गांजे की कालाबाजारी और ड्रग से जुड़े अपराधों पर लगाम लगाना है, ताकि हानिकारक चीजों का इस्तेमाल रोका जा सके, साथ ही इसके ग्राहकों की संख्या में भी कमी लाई जा सके.

लॉटरबैश ने कहा कि बच्चों और युवाओं की सुरक्षा इस कानून का मुख्य उद्देश्य है, हालांकि, फिलहाल जो मसौदा है, उसमें बदलाव होने की उम्मीद है, क्योंकि संसद में इस पर बहस होगी, गर्मी की छुट्टियों के बाद संसद के दोनों सदन बिल पर विस्तृत चर्चा करेंगे. माना जा रहा है कि इससे कालाबाजारी को कम करने में मदद मिलेगी, अवैध डीलर इससे खुश नहीं होंगे.

ऐसा इसलिए क्योंकि इसका मकसद है कि लोग उत्पाद की उचित जानकारी के बिना डीलरों से खरीदारी न करें, लोगों को खराब प्रोडक्ट और ड्रग से जुड़े अपराध से बचाने में मदद मिलेगी. लॉटरबैश ने इस साल की शुरुआत में कहा था कि हम कोई समस्या पैदा नहीं कर रहे हैं, हम एक समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहे हैं.