कर्ज के लिए दर-दर भटक रहा पाकिस्तान, IMF ने पाक को फिर ठुकराया

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ और आइएमएफ प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के बाद भी पाकिस्तान को एक अरब डॉलर से अधिक के बेलऑउट पैकेज पर समझौता नहीं हो पा रहा है। रोज कर्ज मांगने की नयी-नयी तकनीक निकालने वाले पाकिस्तान को अब IMF ने भी कर्ज देने से मना कर दिया।

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार को पूरा यकीन था कि पाकिस्तान डिफ़ॉल्ट नहीं करेगा अब उन्हीं का मानना है कि पाकिस्तान अब अल्लाह के भरोसे है।

आर्थिक संकट के बीच कच्चा तेल भी खत्म

पाकिस्तान का आर्थिक संकट लगातार गहराता जा रहा है। कच्चा तेल ना होने से उसकी सबसे बड़ी रिफाइनरी पर पिछले दिनों ताला भी लग चूका है। पाकिस्तान को अब इस संकट से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से ही आस लगी थी। लेकिन एक बार फिर आईएमएफ ने पाकिस्तान को कर्ज देने से इंकार कर दिया है। आईएमएफ ने पाकिस्तान के सामने शर्त रख दी है कि अगर उसे मदद चाहिए तो अपने रक्षा बजट में कटौती करनी पड़ेगी। अब ऐसे में सवाल उठता है की आखिर IMF पाकिस्तान को कर्ज क्यों नहीं दे रहा है?

सभी देशों से लेनी पड़ती है सहमति

आईएमएफ आर्थिक संकट में फंसे देशों की मदद करने से पहले सभी सदस्य देशों की सहमति लेता है। आईएमएफ में शामिल सदस्य देशों की सहमति जरूरी है। इसके लिए वोटिंग की प्रक्रिया अपनाई जाती है। यहां खास बात यह है कि सभी देशों के लिए वोट की कीमत एक समान नहीं होती है। क्योंकि अमेरिका आईएमएफ में सबसे ज्यादा पैसे देता है इसलिए उसके वोट की कीमत भी सबसे ज्यादा है।

क्या है अंतराष्ट्रीय मुद्राकोष?

अंतराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) एक वैश्विक संगठन है जिसकी स्थापना 1945 में ब्रेटन वुड्स एग्रीमेंट के तहत हुई थी, जो अपने सदस्य देशों के आर्थिक विकास, व्यापार को बढ़ावा आदि के लिए काम करता है। जरूरत पड़ने पर यह आर्थिक मदद भी करता है। वर्तमान में दुनिया के 190 देश इसके सदस्य है। वहीं इसका मुख्यालय अमेरिका के वॉशिंगटन में स्थित है। एक रिपोर्ट के मुताबिक आईएमएफ एक ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर कर्ज देने की क्षमता रखता है।

क्या है SDR?

आईएमएफ की अपनी एक Artificial Currency है। जिसे 1969 में बनाया गया था और इसे SDR (Special Drawing Right) कहा जाता है।  वोटिंग के समय एक वोट की कीमत करीब 1,00,000 SDR के बराबर होती है। आईएमएफ की वेबसाइट के मुताबिक आईएफएफ 713 अरब एसडीआर के बराबर कर्ज देने की क्षमता रखता है।

कैसे तय होती है वोट की किमत?

किस देश के वोट की कीमत कितनी होगी? ये तय करने के लिए सभी देश अपने कोटे से एसडीआर को खरीदते हैं। आसान भाषा में समझे तो वह आईएमएफ के लिए फंड देते हैं। जो देश जितना अधिक फंड देगा उसके वोट की कीमत उतनी अधिक होगी। वर्तमान में अमेरिका के पास 82,994 मिलियन एसडीआर हैं। ऐसे में उसके पास 16.50 फीसदी वोटिंग राइट है। भारत के पास 13,114.4 मिलियन एसडीआर हैं और उसके पास 2.64 फीसदी वोटिंग राइट हैं। वहीं पाकिस्तान की बात करें तो उसके पास 2031 मिलियन एसडीआर हैं और उसका वोटिंग राइट मजह 0.43 फीसदी है।

IMF की शर्तों ने बढ़ाई पाक की महंगाई!

पाकिस्तान की सरकार ने IMF की कुछ शर्तों को देश में लागू किया है जिसके बाद से देश में महंगाई और बढ़ी है। पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत को 16% तक  और रसोई गैस की कीमत में 30 % तक बढ़ा दिया गया है।

मुश्किल दौर से गुजर रहा पाकः शरीफ

झुठ के सौदागर पाकिस्तान को गलतफ़हमी है कि उनकी सरकार सारे मामले सुलझा लेगी। जबकि हाल ही में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने खुद माना था कि IMF की शर्तों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जैसे मुश्किल दौर से पाकिस्तान गुज़र रहा है, उसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता।