चंडीगढ़ मोर्चे से संबंधित जेल में बंद किए किसानों को प्रशासन ने किया रिहा

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बठिंडा/पंजाब: बाढ़ प्रभावित पीड़ितों को मुआवजा दिलवाने सहित किसानी मामलों से संबंधित मांगों को मनवाने के लिए उत्तरी भारत की 16 किसान जत्थेबंदियों द्वारा चंडीगढ़ में 22 अगस्त को  मोर्चा लगाने का ऐलान किया गया था। वहीं इस मोर्चे में शामिल होने के लिए जैसे ही किसान गांव में से ट्रैक्टर ट्रालियों पर सवार होकर चंडीगढ़ के लिए रवाना हुए तो पुलिस प्रशासन द्वारा किसानों को पकड़ना शुरू कर दिया।

जबकि कई सीनियर किसान नेताओं के घरों के अंदर रेड मारकर उनको हिरासत में ले लिया गया। इस दौरान चेयरमैन सुरजीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, जत्थेबंदी के बठिंडा जिले से संबंधित ब्लॉक रामपुर और ब्लॉक फूल के किसान जिला प्रधान पुरुषोत्तम महराज की अगवाई में रवाना हुए थे जिनको पुलिस प्रशासन ने हिरासत में लेकर जेल भेज दिया था।

जबकि बठिंडा जिले के कुल 55 किसान जेल में भेजे गए थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि, किसानों की रिहाई के लिए सूबे के अंदर जगह-जगह सड़के जाम होने के बाद सरकार को लोक रोष के आगे मुंह की खानी पड़ी और बीते दिनों संगरूर में किसानों के साथ मीटिंग दौरान हिरासत में लिए किसानों की बिना शर्त रिहाई सहित लोंगोवाल कांड की मांगे मानी गई।

इस मौके पर जेल से रिहा होकर आए किसानों में से सूबा कमेटी मेंबर बलवंत महाराज, बलदीप सिंह नंदगढ़, जिला प्रधान पुरुषोत्तम महाराज, जिला जनरल सचिव कुलजिंदर झंडा वाला, जिला मीत प्रधान दर्शन ढिल्लों सहित 50 किसानों को रिहा किया गया।

जिनको रिहाई के दौरान जत्थेबंदी के अध्यक्ष सुरजीत सिंह फूल और सूबा जनरल सचिव बीबी सुखविंदर कौर रामपुर ने हार पहनाकर सम्मानित किया। उपरोक्त जानकारी जिला परिषद सचिव सुखमंदर सिंह गुरुसर द्वारा दी गई।

रिपोर्ट- हरमिंदर सिंह

बठिंडा, पंजाब