नई दिल्ली/डेस्क: नीरज चोपड़ा ने विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने जेवलिन थ्रो इवेंट में गोल्ड मेडल जीतकर भारत का मान बढ़ा दिया है।
वह पहले भारतीय एथलीट बने, जिन्होंने विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। नीरज ने हंगरी के बुडापेस्ट में आयोजित इस चैम्पियनशिप में जेवलिन थ्रो इवेंट में 88.17 मीटर के थ्रो के साथ पहला स्थान प्राप्त किया।
नीरज चोपड़ा के प्रयासों के परिणामस्वरूप, उन्होंने फाइनल में छह अटेम्प्ट्स किए, जिनमें उन्होंने दूसरे राउंड में ही 88.17 मीटर का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इससे ही उन्होंने प्रतियोगिता में आगे जाने के लिए विश्वास दिखाया और अंत तक यह अग्रसर रहे।
नीरज के छह अटेम्प्ट फाउल, 88.17 मीटर, 86.32 मीटर, 84.64 मीटर, 87.73 मीटर और 83.98 मीटर के रहे।
पाकिस्तान के अरशद नदीम ने 87.82 मीटर के थ्रो के साथ रजत पदक जीता। वहीं, चेक रिपब्लिक के जाकुब वेदलेच ने 86.67 मीटर के बेस्ट थ्रो के साथ कांस्य पदक पर निशाना साधा।
नीरज चोपड़ा ने पहले भी अन्य खेल में भारत का मान बढ़ाया है। उन्होंने ओलंपिक, एशियाई खेल, राष्ट्रमंडल खेल, और डायमंड लीग में भी अपनी महानता साबित की है। उनके योगदान से भारत की खेल प्रगति में नया अध्याय जुड़ गया है।
इस चैम्पियनशिप में नीरज के साथ भारत के दो अन्य खिलाड़ी डीपी मनु और किशोर जेना भी उपस्थित थे। उनके प्रयासों से भारत की प्रतिष्ठा और मान सुनिश्चित हुआ।
नीरज चोपड़ा ने अपने प्रयासों और परिश्रम के साथ एक बार फिर से दिखाया कि सपनों को हासिल करना संभव है। उनका यह प्रदर्शन भारतीय खेल के इतिहास में गर्व का स्रोत बन गया है।
लेखक: करन शर्मा