प्रिगोझिन की मौत के बाद थर थर कांपे वैगनर के सैनिक, खाई पुतिन से वफादारी की कसमें

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नई दिल्ली/डेस्क: “वैगनर” मिलिट्री ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की मृत्यु के बाद से ही इस संगठन के सदस्यों का भविष्य अनिश्चित हो गया है। आधारित रिपोर्टों के अनुसार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सैनिकों को उनके प्रति निष्ठा और समर्पण की प्रतिज्ञा की कसम खाने के लिए कहा है।

पुतिन ने दिए नए ऑर्डर्स

इस नए आदेश के अनुसार, वैगनर सदस्यों को अपनी सरकार और सेना के प्रति निष्ठा और समर्पण की प्रतिज्ञा लेनी होगी। इन नियमों के तहत, सदस्यों को यह सब आदान-प्रदान करना होगा कि वे अपने देश और सेना के लिए समर्पित रहेंगे, स्वतंत्रता और संविधानिक व्यवस्था की रक्षा करेंगे। इस समर्पण को रूस की आध्यात्मिक और नैतिक महत्वपूर्णता को बढ़ावा देने के लिए एक कदम के रूप में बताया गया है।

क्यों आया ऐसा फरमान?

प्रिगोझिन और पुतिन के बीच विवादों के कारण, प्रिगोझिन ने सैनिकों को मास्को में मार्च करने के आदेश दिए थे। उनका यह कदम पुतिन के साथ उनके तनाव बढ़ाता गया और कोई रास्ता न देख, प्रिगोझिन ने अपना कारवां तो रोक दिया, लेकिन पुतिन को सब याद रहा, और थोड़े दिनों बाद ही प्रिगोझिन की मौत की खबर सामने आ गई।

प्रिगोझिन की मौत के बाद, संगठन के सदस्यों ने पुतिन के आदेश का पालन करने का फैसला किया है। इस घटना के बाद, पुतिन ने सदस्यों से समर्पण और निष्ठा की प्रतिज्ञा करने का आदेश दिया है।

पुतिन ने प्रिगोझिन की मौत को “सार्वजनिक फांसी” के रूप में बताया है और उसे इस प्‍लेन क्रैश के लिए जिम्मेदार माना है। हालांकि, क्रेमलिन ने इसका खंडन किया है और उन्होंने इस हादसे में किसी भी रूप में शामिल होने का इनकार किया है।

संक्षिप्त में, यह घटनाक्रम प्रिगोझिन की मौत के बाद रूसी सैनिकों के बीच समर्पण और निष्ठा की महत्वपूर्णता को प्रकट करता है। पुतिन ने सैनिकों से देश और सेना के प्रति समर्पित रहने की प्रतिज्ञा लेने के लिए प्रेरणा दी है।

लेखक: करन शर्मा