इसरो को आवाज देने वाली वैज्ञानिक वलारमथी का हुआ दुखद निधन

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सरो साइंटिस्ट वलारमथी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली/डेस्क: चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग के दौरान श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुनाई जाने वाली काउंटडाउन की आवाज अब हमें सुनाई नहीं देगी। यह आवाज काउंटडाउन की अहम हिस्सा थी, जो रॉकेट प्रक्षेपण के महत्वपूर्ण पलों की गिनती करने में मदद करती थी।

इसरो की वैज्ञानिक वलारमती का दुखद निधन

काउंटडाउन को आवाज देने वाली वैज्ञानिक वलारमती का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है।

इसरो ने भी बताया कि उनकी प्रिय वैज्ञानिक, वलारमती मैम, जिन्होंने इसरो के मिशनों में अपना योगदान दिया था, उनका दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है।

वलारमती मैम के बिना, इसरो के भविष्य के मिशनों में काउंटडाउन की आवाज सुनाई नहीं देगी। वलारमती मैम को उनके सहयोगियों के बीच “मैम” के नाम से जाना जाता था, और वह इसरो का अभिन्न हिस्सा रहीं।

इसरो के कई सफल रॉकेट प्रक्षेपणों को सफलतापूर्वक पूरा किया

उनकी आवाज और योगदान ने इसरो के कई सफल रॉकेट प्रक्षेपणों को सफलतापूर्वक पूरा किया। वह आत्मविश्वास से भरी थी और उनका काम उनके लिए एक मिशन था।

वलारमती का जन्म चेन्नई में हुआ था, और वह कम उम्र से ही विज्ञान और प्रौद्योगिकी में रुचि रखती थी। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और युवा उम्र में ही इसरो में काम करने का मौका पाया।

इसरो और देश हमेशा याद करेंगे

उनके कई वर्षों के इसरो में योगदान ने उन्हें एक अमूल्य संपत्ति बना दिया, जिसने उनकी सटीक काउंटडाउन और काम में अटूट समर्पण की गुणवत्ता को प्रमोट किया।

वलारमती मैम ने देश की स्पेस रीसर्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और इसरो को उनके योगदान पर गर्व है। उनकी हानि से एक महत्वपूर्ण अंग की कमी हो गई है, जिसको इसरो और देश अब हमेशा याद करेंगे।

लेखक: करन शर्मा