इंडिया या भारत विवाद पर केंद्र सरकार बोली- नाम बदलने की बात कोरी अफवाह

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Image Source: Rashtrapati Bhavan

नई दिल्ली/डेस्क: देश का नाम भारत होना चाहिए या इंडिया, इस मुद्दे पर हाल के दिनों में एक बड़ी बहस और तर्कों का सिलसिला जारी है। इस विवाद के बीच, अब, भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को इंडिया के प्रेसिडेंट और प्राइम मिनिस्टर कहने पर बहस हो रही है।

कैसे शुरू हुआ विवाद?

यह विवाद भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पत्र को लेकर शुर हुआ, जिसमें प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया की जगह, प्रेजिडेंट ऑफ भारत लिखा था। इसके बाद, विपक्ष ने इसको लेकर, गंभीर रूप से सवाल उठाए, और सरकार पर नाम बदलने का आरोप लगाया। इन सब के बीच, विदेश मंत्रालय ने भी पीएम मोदी के इंडोनेशिया दौरे पर प्राइम मिनिस्टर ऑफ भारत लिख दिया, जिससे विवाद ओर बढ़ गया।

नाम बदलने की बात कोरी अफवाह

केंद्रीय कैबिनेट मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस विवाद पर आपत्ति जताई और कहा कि नाम बदलने की बात एक कोरी अफवाह है, और संसद के विशेष सत्र में, ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।

उन्होंने इसके साथ ही पूछा, कि नाम के बदलने से किसी को क्या परेशानी हो सकती है, और यह उनकी मानसिकता को दर्शाता है, कि क्या उनके मन में भारत के नाम को लेकर विरोध है।

विपक्षी दलों की ओर से संसद के विशेष सत्र के लिए आशंका भी जताई जा रही है। सरकार ने इस सत्र के एजेंडा को अभी तक सार्वजनिक नहीं किया है, जिससे विपक्षी दलों में आशंका है, कि सरकार यूसीसीसी और इंडिया के नाम पर बहस करने के लिए सत्र बुला सकती है।

इस पूरे मामले में, नाम के बदलने से संबंधित बड़ी बहस और तर्कों का सिलसिला जारी है, जिसमें राजनीतिक दल और नेताओं के बीच खींचतान जारी है। आखिरकार, यह विवाद देश के नाम के साथ जुड़ी महत्वपूर्ण सवालों का भी हिस्सा बन चुका है, और इसका समाधान संसद के विशेष सत्र में होने की उम्मीद है।

लेखक: करन शर्मा