देश का नाम बदलने पर मोदी सरकार और विपक्षी दलों को मायावती ने लिया आड़े हाथ, बोला सबकी मिलीभगत

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नई दिल्ली: देश में हाल ही में लोकसभा चुनाव होना है और उससे पहले ही देश का नाम बदलने पर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है। INDIA vs BHARAT की इस लड़ाई में सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के बीच इंडिया नाम को लेकर खीचातानी चल रही है। इंडिया नाम को लेकर सत्ता पक्ष का कहना है कि ये गुलामी की मानसिकता का प्रतीक है, तो वहीं वपक्षी दलों का कहना है कि ‘INDIA’ गठबंधन से डरकर ही देश का नाम बदला जा रहा है। सत्ता पक्ष और विपक्षी खेमे के बीच छिड़ी इस विवादित लड़ाई के बीच बसपा की सुप्रीमों मायावती की प्रतिक्रिया सामने आने से एक नई बहस छिड़ चुकी है। क्योंकि मायावती ने जो दावा किया है, उससे सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्षी खेमे पर भी सवाल उठे हैं।

बसपा सु्प्रीमों मायवती ने देश का नाम बदले जाने को लेकर मोदी सरकार और विपक्षी खेमे को आड़े हाथों लिया है। जिसे सत्ता पक्ष और विपक्षी खेमे की मिली भगत बताया है। साथ ही इस बात की भी आशंका जताई है कि नाम ही नहीं देश का संविधान बदने के लिए मोदी सरकार और विपक्षी खेमे दोनों की ये आपसी साठ-गांठ हो। ये भी हो सकता है कि इंडिया के नाम पर छिड़ी ये बहस दोनों की एक सोची-समझी रणनीति हो।

मायावती ने किया ये दावा

बसापा सुप्रीमो मायावती ने मीडिया को सम्बोधित करते हुये कहा कि, ” जैसा कि यह विदित है कि भारत अर्थात इंडिया देश का चिर-परिचित व गरिमामय संवैधानिक नाम है तथा परमपूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के इस पवित्र, मानवतावादी व जनकल्याणकारी संविधान से अपने देश के सभी जाति एवं धर्मों के मानने वाले लोगों का अपार प्रेम, बेहद लगाव एवं सम्मान है। जिसे बदलकर व छेड़छाड़ आदि करके इनकी भावना के साथ कोई भी खिलवाड़ करना क्या यह उचित व न्यायसंगत है? जबकि इस मामले में हमारी पार्टी का यह मानना है कि यह कतई भी उचित व न्यायसंगत नहीं है अर्थात् यह घोर अनुचित है। “

मायावती ने आगे कहा कि,”इतना ही नहीं बल्कि इस बारे में सच्चाई यह है कि देश के नाम को लेकर अपने संविधान के साथ छेड़छाड़ करने का मौका बीजेपी के एनडीए को यहां खुद विपक्ष ने एक सोची-समझी रणनीति व षड़यन्त्र के तहत अपने गठबन्धन का नाम ‘इंडिया’ रखकर इनको दिया है या फिर यह कहा जाए कि यह सब कुछ सत्तापक्ष व विपक्ष की अन्दरुनी मिलीभगत से हो रहा है। इसकी भी आशंका है, जिसकी जितनी भी निन्दा की जाए वह कम है। यदि यह सब कुछ ऐसा हो रहा है, तो इसकी जितनी भी निन्दा की जाय वह कम है।”

इस पूरे मामले पर मायावती ने कहा कि इंडिया VS भारत पर छिड़ी बहस का मतलब जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाना है। ताकि कोई सरकार से सवाल न पूछे। अगर विपक्षी खेमे को देश का नाम बदने पर इतनी आपत्ति थी तो वो सप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते थे। उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पूरे मामले पर स्वतः ही संज्ञान ले लेना चाहिए, ताकि इस पर संकीर्ण राजनीति न हो सके।