नई दिल्ली/डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन की मुलाकात ने हिंद प्रशांत क्षेत्र की शांति और सुरक्षा के मामले में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया है। इस मुलाकात में क्वाड के अलावा विभिन्न मुद्दों पर भी बातचीत हुई, जिसमें जीई जेट इंजन और डब्लूटीओ विवाद भी शामिल थे।
बाइडन जी-20 में तीसरे नेता थे जो भाग लेने आए और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को द्विपक्षीय बातचीत की। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने मॉरिशस के प्रधानमंत्री प्रवीन जगन्नाथ और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के साथ मुलाकात की थी। यह कहानी उन चमकते सितारों की है जिन्हें दुनिया अब और अधिक देखने और सुनने के लिए इंतजार कर रही थी।
52 मिनट तक चली मुलाकात
लेकिन, सबसे ज्यादा उत्सुकता अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ प्रधानमंत्री मोदी की मुलाकात के बारे में थी। बाइडन के साथ करीब 52 मिनट तक चली मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, “हमारी मीटिंग फलदायी थी। हमने कई मुद्दों पर चर्चा की जो भारत और अमेरिका के आर्थिक और लोगों के बीच संपर्क को आगे ले जाएंगी। हमारे देशों के बीच दोस्ती दुनिया के भले के लिए अहम भूमिका निभाती रहेगी।”
इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर थी। देखने और समझने वालों के लिए सिर्फ मुद्दों के बारे में ही नहीं, बल्कि दोनों नेताओं के आत्म-परिचय, जोश और संवाद की भी एक झलक मिल गई थी।
क्यों बनाया गया क्वाड?
क्वाड एक गठबंधन है, जिसमें अमेरिका, भारत, जापान, और आस्ट्रेलिया शामिल हैं, और इन देशों का उद्देश्य है हिंद प्रशांत क्षेत्र को खुला, शांतिपूर्ण, और समरस बनाना। चीन और रूस क्वाड के तात्कालिक दुश्मन हैं और इसे एक बड़ा सुरक्षा संगठन मानते हैं।
मोदी और बाइडन ने अपनी मुलाकात में, 2023 में वाशिंगटन में हुई बातचीत को याद किया, जिसमें जीई जेट इंजन और डब्लूटीओ विवाद को सुलझाने की कोशिश की गई थी। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने सामरिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ाने की बात की और अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए स्वागत किया।
चंद्रयान-3 की सफलता पर बाइडन ने दी बधाई
बाइडन ने भी भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के चंद्रयान-तीन और आदित्य-एल वन मिशन की सफलता की तारीफ की, और दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष विज्ञान में सहयोग की प्रशंसा की।
इस मुलाकात के दौरान, राष्ट्रपति बाइडन ने भी भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) के स्थायी सदस्य (permanent member) के तौर पर शामिल करने की मांग का समर्थन दिया, और 2028-29 में भारत को एक बार फिर इस परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर पर शामिल होने का स्वागत किया।
रक्षा संबंध होंगे मजबूत
रक्षा और सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने के बारे में भी बातचीत हुई, और दोनों नेताओं ने रक्षा से जुड़े औद्योगिक सहयोग को बढ़ाने का समर्थन किया। इसके साथ ही, अमेरिकी कंपनियों द्वारा भारत में युद्धक विमानों के इंजन निर्माण के प्रस्ताव का भी स्वागत किया गया है।
इस तरह, प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडन की मुलाकात ने हिंद प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा, विकास, और सहयोग के कई पहलुओं पर चर्चा की और दोनों देशों के बीच सशक्त रिश्तों को और मजबूत बनाने की दिशा में कदम उठाएं।
लेखक: करन शर्मा