महंगी होंगी डीजल की गाड़ियां? बढ़ सकता है 10% GST!

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Image Source: Twitter/nitin_gadkari

नई दिल्ली/डेस्क: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में डीजल से चलने वाली गाड़ियों पर जीएसटी (GST) का 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने का प्रस्ताव दिया है, ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।

उन्होंने इस प्रस्ताव को ‘सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स’ के एक कार्यक्रम में रखा। हालांकि फिर उन्होंने इसे लेकर ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए स्पष्ट किया कि सरकार हाल ही में ऐसे किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।

डीजल गाड़ियों को कह दे ‘बाय-बाय’

नितिन गडकरी का कहना है कि ऑटो इंडस्ट्री को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया है कि डीजल गाड़ियों को अब ‘बाय-बाय’ कह देना चाहिए, अन्यथा सरकार उन पर इतना टैक्स बढ़ा देगी कि कंपनियों के लिए उन्हें बेचना मुश्किल हो जाएगा।

डीजल गाड़ियों की संख्या भारत में 2014 से अब कम हो रही है। नौ साल पहले, ये कुल कारों का करीब 33.5 प्रतिशत होती थी, जो अब 28 प्रतिशत तक गिर गई है। गडकरी ने इस पर भी जोर दिया कि सरकार का उद्देश्य है ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को डीजल से हटाकर साफ और स्वच्छ ईंधन विकल्पों की ओर मोड़ना।

सरकार का लक्ष्य 2070 तक ‘कार्बन नेट जीरो’

इसके बाद नितिन गडकरी ने एक पोस्ट में लिखा कि सरकार का लक्ष्य 2070 तक ‘कार्बन नेट जीरो’ होना है, जिसका मतलब है कि ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को अपनी कार्बन प्रदूषण को जीरो करने की दिशा में कदम बढ़ाना होगा।

साथ ही, उन्होंने वायु प्रदूषण के स्तर में कमी लाने का लक्ष्य तय किया है, क्योंकि डीजल जैसे खतरनाक ईंधन पर्यावरण को हानि पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का मकसद है कि ज्यादा पर्यावरण हितैषी ईंधन विकल्पों को बढ़ावा देने में दृढ़ता दिखाई जाए।

इसके साथ ही, गडकरी ने डीजल गाड़ियों के उपयोग को बढ़ाने की बजाय स्वच्छ और पर्यावरण के अनुकूल ईंधन विकल्पों के प्रति लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता पर जोर दिया। सरकार का लक्ष्य है कि भारत अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए नवाचारिक और हरित तरीकों का उपयोग करें, जिससे वायु प्रदूषण को कम किया जा सके।

इस तरह, नितिन गडकरी ने डीजल गाड़ियों पर जीएसटी की वृद्धि का सुझाव दिया है और स्वच्छता और पर्यावरण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देने की महत्वपूर्ण बात की है। यह कदम भारत को अपने प्रदूषण को कम करने और साफ और स्वस्थ वायुमंडल की दिशा में अग्रसर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

लेखक: करन शर्मा