नई दिल्ली/डेस्क: केंद्र सरकार की ओर से शुरू की गई ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना की कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने जमकर आलोचना की और इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘चुनावी जुमला’ करार दिया। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान किए गए लॉकडाउन और गलत जीएसटी के बाद, छोटे व्यवसा सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है, जिनमें कपड़ा, चमड़ा, धातु, और लकड़ी जैसे विभिन्न क्षेत्रों के काम शामिल हैं।
रमेश ने कहा कि इन छोटे व्यवसायों के लोग अपने हाथों से काम करते हैं और इन्हें नोटबंदी, गलत जीएसटी, और लॉकडाउन जैसी नीतियों से कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
उन्होंने यह भी कहा कि कई लोगों ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी पीड़ा और परेशानियों को व्यक्त किया था। लेकिन प्रधानमंत्री ने उनकी आजीविका को तहस नहस कर दिया है जीसे उनकी नाराजगी का पता चलता है। रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि वह ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना के जरिए एक और चुनावी जुमला पेश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री न तो जाति जनगणना के मुद्दे पर बोलेंगे और न ही अडानी के मुंबई स्थित धारावी के एक अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के पूर्ण और संपूर्ण अधिग्रहण पर ब्रेक लगाएंगे। रमेश ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री के रिटायरमेंट का समय आ गया है और जनता दोबारा मूर्ख नहीं बनेगी।
लेखक: करन शर्मा