चंडीगढ़ में नहीं चलेंगे दोपहिया वाहन! जानिए, प्रशासन ने क्यों और कब तक लगाई रोक

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चंडीगढ़ में दोपहिया वाहनों पर लगी रोक

चंडीगढ़/पंजाब: इस खबर को जिसने भी सुना वो चौंक गया कि गैर-इलेक्ट्रिक यानी पेट्रोल दोपहिया वाहनों के पंजीकरण पर एक निश्चित अवधि के लिए रोक लगा दी गई है। ये फैसला चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से लिया गया है। जिसके बाद से प्रशासन की नीति से सैकड़ों दोपहिया वाहन खरीदार इस समय असमंजस में हैं।

पंजीकरण और लाइसेंसिंग प्राधिकरण (RLA) के नोटिस के अनुसार, केंद्रशासित क्षेत्र में पेट्रोल इंजन वाले दोपहिया वाहनों के पंजीकरण पर 10 फरवरी के बाद से मार्च अंत के लिए रोक लगा दी गई है।

पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया लटकी

चंडीगढ़ प्रशासन के इस आदेश के बाद से ही उद्योग जगत से ऐसी खबरें भी सामने आईं है कि, इस पाबंदी की वजह से वाहन डीलर ‘वाहन’ पोर्टल पर पंजीकरण की प्रक्रिया को भी पूरा नहीं कर पा रहे हैं। जिससे दोपहिया वाहन खरीदने वालों को अब उच्च सुरक्षा वाली नंबर प्लेट यानी HSRP और पंजीकरण प्रमाणपत्र यानी RC तक भी नहीं मिल पा रही है। वे इस वजह से अपने वाहन का उपयोग भी नहीं कर पा रहे हैं।

सरकार की नीतियों का शिकार हो रहे ग्राहक

उद्योग जगत के कुछ लोगों का इस पर कहना है कि, “इस नीति का मसौदा व्यावहारिक चुनौतियों पर गौर करके तैयार नहीं किया गया है। जब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों का कुल उत्पादन ही 35 प्रतिशत से कम है तो प्रशासन यह दबाव क्यों बना रहा है कि इनकी बिक्री 35 प्रतिशत होनी चाहिए।”

चार्जिंग स्टेशन ने बढ़ाई चिंता

फिलहाल प्रशासन के इस फैसले से कोई भी खुश नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि, चंडीगढ़ शहर में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों की संख्या काफी कम हैं और उनमें से भी ज्यादा तर सक्रिय नहीं हैं। और ग्राहकों के लिए सबसे बड़ा सिर दर्द ये है कि, इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत अधिक हैं और इन्हें चार्ज होने में भी घंटों का समय लगता है।

कब तक लगी है पंजिकरण पर रोक?

सितंबर, 2022 में आई ईवी नीति के तहत चंडीगढ़ प्रशासन गैर-इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के पंजीकरण 2024-25 (अप्रैल, 2024) से बंद कर देगा। प्रशासन ने पेट्रोल वाले दोपहिया वाहनों के 65 प्रतिशत पंजीकरण हो जाने के बाद 10 फरवरी से ऐसे वाहनों के पंजीकरण पर मार्च 2023 के अंत तक रोक लगा दी है।