Women Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल को लेकर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल, BJP को कहा ‘महाझूठा’

Published

नई दिल्ली/डेस्क: महिला आरक्षण विधेयक, जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम के रूप में जाना जाता है, पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सपा के नेता ने कहा है कि बीजेपी ने इस मुद्दे पर ‘महाझूठ’ बोला है।

अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि नई संसद के पहले दिन ही बीजेपी सरकार ने ‘महाझूठ’ से अपनी शुरुआत की है।

उन्होंने आगे कहा, “बिना जनगणना और परिसीमन के कैसे महिला आरक्षण बिल लागू नहीं हो सकता है, जिसमें कई सालों का समय लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार को इस मुद्दे पर महिलाओं से झूठ बोलने की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि बिना जनगणना और जातिगत गणना के महिला आरक्षण संभावना ही नहीं है।

अखिलेश यादव ने इसे भाजपा की ओर से एक आपाधापी कदम के रूप में देखा और उन्होंने इसका जवाब महिलाओं को दिए जाने वाले वोट से देने का सुझाव दिया।

उसके अलावा, बसपा (बहुजन समाज पार्टी) ने भी इस विधेयक पर अपनी मांगें रखी है। बसपा की अध्यक्ष मायावती ने नए संसद भवन में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण के बिल का समर्थन किया और मांग की है कि इसे 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाए, ताकि महिलाएं सकारात्मक रूप से सांसदों में शामिल हो सकें।

महिला आरक्षण विधेयक, जिसे नारी शक्ति वंदन अधिनियम के तौर पर जाना जाता है, एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो समाज में महिलाओं की सांसदों में अधिक प्रतिनिधिता को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है। इसे लेकर विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के बीच विवाद चल रहे हैं, और यह देखना होगा कि कैसे यह मुद्दा संसद में आगे बढ़ता है।

लेखक: करन शर्मा