नई दिल्ली: नई संसद में आज कार्यवाही का दूसरा दिन है। सदन के दूसरे दिन लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा जारी है। सर्वसम्मति से पारित इस बिल पर सबसे पहले आज सदन में कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने बिल के प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। जिसके बाद विपक्ष की ओर से कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। साथ ही उन्होंने सदन में अपने इस प्रसताव को रखा कि इस बिल में जातिगत जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी आरणक्ष का प्रावधान किया जाए। हालांकि, नई संसद में सदन की कार्यवाही के पहले दिन कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने महिला आरक्षण बिल पेश किया था।
क्या बोले अमित शाह?
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ पार्टियों के लिए ये बिल एक पॉलिटिकल एजेंडा हो सकता है, लेकिन बीजेपी और पीएम मोदी के लिए ये राजनीतिक मुद्दा नहीं है।”
राहुल गांधी के सवालों का दिया जवाब
सदन में अमित शाह ने राहुल गांधी के सवालों (महिला आरक्षण बिल कंप्लीट नहीं है। उसमें ओबीसी आरक्षण होना चाहिए था) का जवाब देते हुए कहा कि, “OBC आरक्षण, परिसीमन का मुद्दा या जनगणना को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं, मैं सबका जवाब देता हूं…सबसे पहला जवाब विद्यमान संविधान में तीन तरह के सांसद आते हैं, जो सामान्य, SC और ST कैटेगरी से आते हैं। ये तीनों कैटेगरी में हमने महिलाओं का 33% आरक्षण कर दिया है… अब एक तिहाई सीटों को आरक्षित करना है तो वह सीट कौन तय करेगा? हम करें? अगर वायनाड आरक्षित हो गया तो आप कहेंगे हमने राजनीति की है।”