भीख मांगने सऊदी अरब जा रहे 24 पाकिस्तानी भिखारी गिरफ्तार

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नई दिल्ली/डेस्क: 1947 में अलग हुए भारत और पाकिस्तान आज अपनी अलग पहचान बना चुके हैं। आज एक का झंडा चांद पर पहुंच गया है तो दूसरे के झंडे में सिर्फ चांद ही बचा है।

आज भारत पूरी दुनिया को टेक्नोलॉजी निर्यात कर रहा है, वहीं पाकिस्तान आतंकवाद और गधों के बाद अब भिखारियों का निर्यात करने लगा है। आप कहेंगे अरे भाई ये क्या, हर अनोखी चीज के निर्यात के बारे में तो सुना है, लेकिन एक देश दूसरे देश में भिखारियों का निर्यात कब से करने लगा?

सऊदी और ईराक के राजदूतों ने की है शिकायत

अभी कुछ दिन पहले खबर आई थी कि मध्य पूर्वी देशों खासकर सऊदी और ईरान में 90 फीसदी भिखारी पाकिस्तानी मिलेंगे, इतना ही नहीं इन देशों की मुसीबतें इस स्तर पर पहुंच गई हैं कि उनकी जेलें इनसे भरी हुई हैं।

आख़िरकार थक-हारकर इन देशों को कहना पड़ा कि पाकिस्तानियों, अपनी गंदगी अपने पास रखो, यहां किसी भिखारी या अपराधी को भेजने की ज़रूरत नहीं है।लेकिन, एक बार पाकिस्तानी हमेशा पाकिस्तानी ही रहेगा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम यह देश आपका मनोरंजन करना कभी बंद नहीं करेगा।

देखिए, उमरा एक तीर्थयात्रा है जिसका मुख्य उद्देश्य मुसलमानों के लिए काबा की यात्रा करना और अल्लाह से आशीर्वाद और क्षमा मांगना है, जिसके लिए उमरा वीजा की आवश्यकता होती है।

और पाकिस्तान ज्यादातर इसी वीजा पर सऊदी अरब जाते हैं, लेकिन वहां भी ये लोग अपना मतलब दिखाने से नहीं चूकते; ये लोग भगवान की पूजा करने के बजाय बेईमानी करने लगते हैं।

उमरा वीजा पर जा रहे थे सऊदी अरब

मिडिल ईस्ट के मना करने के बाद भी ये लोग नहीं माने और दोबारा उसी वीजा पर सऊदी अरब के लिए रवाना हो गए, लेकिन पाकिस्तान में मुल्तान एयरपोर्ट पर सऊदी अरब जाने वाली फ्लाइट से 24 भिखारियों को उतार दिया गया, जो उमरा करने के बहाने खाड़ी देश जाने की कोशिश कर रहे थे।

पंजाब प्रांत के मुल्तान हवाईअड्डे पर पिछले कुछ दिनों में यह दूसरी घटना थी। इन लोगों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं, लेकिन यह मत भूलिए कि एक बार पाकिस्तानी हमेशा पाकिस्तानी ही रहेगा, कुछ दिनों बाद आप फिर से इन लोगों को उमरा वीजा पर सऊदी जाते देखेंगे ताकि वे अपना पसंदीदा काम यानी भीख मांग सकें।

लेखक: करन शर्मा