नई दिल्ली/डेस्क: दोस्तों आपने देखा होगा कि भारत आज भी रूस का खास दोस्त है, जिसकी बदौलत हमने जी 20 समिट में भी रूस की इज्जत बचाई, लेकिन इन दिनों भारत रूस से दूरी बनाए हुए है, अब आप कहेंगे ऐसा कैसे हो सकता है? रूस तो शुरू से ही हमारा दोस्त रहा है और हमने उन्हें धोखा दे दिया।
देखिए, जियो पॉलिटिक्स में कोई भी स्थाई दोस्त या स्थाई दुश्मन नहीं होता, कुछ मायने रखता है तो वो है आपके हित और रूस के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज अक्साई चिन रूस के कारण चीन के नियंत्रण में है?
देखिए, हालांकि चाचा नेहरू के मुताबिक वहां घास तक नहीं उगती थी। लेकिन अक्साई चीन यूरेनियम, थोरियम, बेरिलियम, अयस्क, पेट्रोलियम और सोने का एक अद्भुत स्रोत है।
1949 में रूस के परमाणु कार्यक्रम में 8 गुना अधिक यूरेनियम था। और बचे हुए यूरेनियम को निकालने के लिए स्टालिन ने चीन के माओ जेडोंग के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए और चीन से, अक्साई चीन में, यूरेनियम के खनन के लिए कहा, जिसके लिए चीन ने सड़क बनाई और यूरेनियम अयस्क को ताजिकिस्तान में जमा कर दिया और इसके लिए चीन को 250 मिलियन डॉलर के मूल्य के हथियार दिये गये।
इसे गहराई से जानने के लिए आप जॉन डब्ल्यू गार्वर की किताब चाइना क्वेस्ट पढ़ सकते हैं।
लेखक: करन शर्मा