रेल मंत्रालय से हटी घंटी, खत्म हुआ ये वर्षों पुराना रिवाज़

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नई दिल्ली: अक्सर आपने किसी भी कार्यालय से लेकर मंत्रालय तक में देखा होगा कि वहां पर कुछ रिवाज़ है जिनको आज भी अपनाया जाता है। एक वीआईपी और एक आम। लेकिन अब से रेल मंत्रालय में एक ही कल्चर यानी रिवाज़ चलने वाला है। क्योंकि रेल मंत्रालय में ये फैसला लिया गया है कि अधिकारियों के कमरों में टेबल पर जो घंटी होती है। अब वो उस टेबल पर नहीं होगी।

यहां तक की इस रिवाज़ को मंत्री सेल में लागू भी कर दिया गया है और इस नए रिवाज़ की शुरूआत खुद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अपने कमरे से घंटी को हटाकर कर दी है। इस तरह सेल में मौजूद सभी अधिकारियों के कमरों से भी घंटी को हटा दिया गया है।

धीरे-धीरे खत्म होगा ये वीआईपी कल्चर

आपको ये बात जानकर खुशी होगी कि अब रेल मंत्रालय में भी आम कल्चर होगा। यानी आम लोगों की लाइफ लाइन की तरह ही रेलवे भी अपने नियम बदने जा रहा है। इसकी शुरूआत भी हो चुकी है। यहां से इस रिवाज़ यानी वीआईपी कल्चर को धीरे-धीरे खत्म किया जाएगा और ये फैसला जल्द ही रेलवे बोर्ड में भी लागू होगा।

अब अटेंडेंट को कैसे बुलाएंगे अधिकारी?

इस खबर के पता चलते ही सभी के मन में एक सवाल उठ रहा है कि यदि किसी अधिकारी को अटेंडेंट को बुलाना होगा तो वो उसे कैसे बुलाएंगे। इसके लिए बताया गया है कि मंत्री या अधिकारी को खुद उठकर कमरे से बाहर जाना होगा और अटेंडेंट को बुलाना होगा।

यदि वे काम में बहुत अधिक व्यस्त हैं और उठकर नहीं जा सकते तो इस हाल में वे फोन का सहारा ले सकते हैं। हर कार्य को कराने के लिए उन्हें या तो खुद उठकर चपरासी को बुलाना होगा या फिर उन्हें ऑफिस में फोन करके चपरासी या किसी अन्य जूनियर कर्मचारी को बुलावा भेजना होगा।