जॉर्जिया मेलोनी को हुई टेंशन, 3 महीने से नहीं पैदा हुए बच्चे

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नई दिल्ली/डेस्क: कई देशों को बढ़ती उम्र वाली जनसंख्या की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह यह है कि इन देशों में जन्मदर कम होती जा रही है, जबकि मृत्युदर बढ़ रही है। इस समस्या का सामना चीन और जापान जैसे विकसित देशों के साथ ही कई अन्य देशों को भी करना पड़ रहा है। इस सूची में आने वाली विशेषज्ञों की रिपोर्ट के मुताबिक, इस समस्या की श्रेणी में इटली भी शामिल हो रहा है।

हालांकि पिछले 3 महीनों से वहां किसी भी नए शिशु की पैदाइश नहीं हुई है। इसी कारण पर इटली प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इस समस्या को एक राष्ट्रीय आपातकालीन स्थिति के रूप में बताया है। इस मुद्दे के पीछे की मुख्य वजह शायद परिवार की आर्थिक स्थिति, करियर के दबाव और स्त्रीशक्ति के वृद्धि का दबाव हो सकता है जिसके कारण लोग शादी और परिवार बढ़ाने में हिचकिचाते हैं।

चौंकाने वाले आंकड़े

एक अंग्रेजी वेबसाइट के अनुसार, लोगों को दुनिया में रहने के लिए कोई कारगर वजह नहीं दिख रही है। इस कारण वे नए जीवन को दुनिया में लाने से हिचकिचा रहे हैं। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल स्टैटिक्स ब्यूरो ISTAT के आंकड़ों के अनुसार, इटली में जनवरी 2023 से जून 2023 तक हुए जन्में बच्चों की संख्या, जनवरी 2022 से जून 2022 के बीच जन्में बच्चों की तुलना में 3500 से कम है।

सरकार की रिपोर्ट में एक चौंकाने वाली बात सामने आई है कि इटली में 15 से 49 साल की महिलाओं की संख्या में कमी हो गई है, जिससे जन्मदर में भारी गिरावट हुई है। 2023 में 2021 के मुकाबले, इस देश में जन्मदर में काफी कमी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल हर सात नए जन्म पर 12 लोगों की मौत हो रही थी, जो काफी गंभीर समस्या है। आसान शब्दों में कहें तो, इस देश में हर 7 नए जन्म पर 12 लोगों की मौत हो रही थी।

इस मामले की गंभीरता को समझा जा सकता है क्योंकि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने इसे नेशनल इमरजेंसी के तौर पर घोषित किया है। वे इस मुद्दे को अपने चुनावी अभियान का मुख्य मुद्दा बना चुकी हैं। पिछले साल भी इस मुद्दे को काफी महत्व दिया गया था।

लेखक: करन शर्मा