नई दिल्ली/डेस्क: माफिया अतीक अहमद की बेनामी संपत्ति में से 5.0510 हेक्टेयर, लगभग 20 बीघा जमीन, गैंगस्टर एक्ट के तहत जब्त कर ली गई है। यह जमीन अतीक के नाम पर नहीं थी, बल्कि उन्होंने इसे बीपीएल कार्ड धारक हुबलाल के नाम पर खरीद रखा था।
इस कार्रवाई को गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत किया गया है। पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की अनुमति से इस कार्रवाई को क्रियान्वित किया गया था। अतीक अहमद की इस बेनामी संपत्ति की अनुमानित मूल्य 12 करोड़ 82 लाख 69 हजार 100 रुपये है।
अतीक अहमद ने 14 अगस्त 2015 को राजमिस्त्री हुबलाल के नाम पर कुल 16 संपत्तियां खरीदी थीं। अतीक ने 14 लोगों को धमका कर ये संपत्तियां हुबलाल के नाम पर रजिस्टर करवाई थीं। अतीक अहमद के साथ चार अन्य लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा 2020 में दर्ज किया गया था। इस गैंगस्टर मामले में अतीक अहमद के साथ नियाज, जाहिद, रियाज, मोहम्मद शेख भी आरोपी थे। इस मुकदमे की जांच कैंट थाना पुलिस द्वारा की जा रही है।
अहमद ने हुबलाल को भी डराया धमकाया था
हुबलाल खुद, अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद, पुलिस के सामने आया था। उसने पुलिस को यह जानकारी दी थी कि अतीक गैंग ने उसके नाम पर जबरन ज़मीन खरीदवाई है, जिसे वह अब सरकार को स्कूल, कॉलेज, या अनाथालय के लिए देना चाहता है। हुबलाल लालपुर थाना क्षेत्र के मानपुर गांव का निवासी है, और वह बीपीएल कार्ड धारक है और राजमिस्त्री का काम करता है। पुलिस ने उसके खाते की जांच भी की है, जिसमें काफी कम धन दिखाई दिया है, और उसके परिवार की आर्थिक स्थिति भी बेहद कमजोर है।
हरियाणा के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी भी है। जब जमीन की रजिस्ट्री हो रही थी, तो माफिया अतीक अहमद ने हुबलाल को भी धमकाया था। इसी कारण हुबलाल, जब भी माफिया अतीक अहमद का नाम लेने की कोशिश करता है, उसे डर सा महसूस होता है। अन्य अवैध और बेनामी संपत्तियों की जांच डीसीपी सिटी दीपक भूकर के अनुसार भी चल रही है, जबकि प्रॉपर्टी जब्त करने में एसपीओ दिनेश द्विवेदी ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्रयागराज के डीसीपी सिटी दीपक भूकर ने बताया कि अतीक अहमद के परिवार और गैंग से जुड़े अन्य व्यक्तियों की और बेनामी संपत्तियों की जांच जारी है। उनकी पहचान होते ही, उनके खिलाफ कड़ा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 12 करोड़ से अधिक की संपत्ति को जब्त करने की प्रयागराज पुलिस की सक्रियता को माफिया अतीक के खिलाफ बड़ी सफलता माना जा रहा है।
लेखक: करन शर्मा