पहले टमाटर फिर प्याज… अब लहसुन ने बिगाड़ा खाने का स्वाद!

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नई दिल्ली: देश में पिछले कुछ दिनों से खाने में तड़का लगाने वाली वस्तुओं के दाम कभी आसमान छू लेते हैं, तो को कभी सामान्य हो जाते हैं। टमाटर और प्याज के बाद अब इसी श्रेणी में लहसुन और अदरक का नाम जुड़ चुका है। क्योंकि पिछले महीने तक जो लहसुन 62 से 72 रुपये प्रति किलोग्राम के रेट से बिक रहा था। उसके दामों में अब एकदम से उछाल देखने को मिला है। बाजारों में अब एक किलों लहसुन की कीमत 198 से 200 रुपये या उससे भी अधिक हो चुकी है। जिसके बाद से लहसुन खाने का स्वाद बिगाड़ने लगा है।

लहसुन का निर्यात बना महंगाई का कारण!

देश में लहसुन के बढ़ते दामों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है, जो देश करीब 5 देशों को लहसुन निर्यात करता हो भला उसके यहां पर लहसुन के बढ़ते दाम खाने के स्वाद को कम कर रहे हैं। बता दें कि भारत करीब 32.7 लाख टन लहसुन का उत्पाद हर साल करता है। यही कारण है कि भारत आज लहसुन उत्पादन में चीन को पीछे छोड़ चुका है।

कई देशों में पॉपुलर है भारत का लहसुन

स्पाइस बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 के अप्रैल महीने से जनवरी तक यानी 10 महीनों में लहसुन निर्यात में भारत की गोर्थ रेट 165% दर्ज की गई है। अगर आसान शब्दों में कहें तो भारत 47,329 टन लहसुन का निर्यात कर चुका है। यही कराण है कि भारत का लहसुन पश्चिमी एशियाई और अफ्रीकी देशों में बहुत तेजी से पॉपुलर हुआ है।

अगर भारत में लहसुन की बढ़ती महंगाई का कारण निर्यात को कहें तो इसमें कोई संकोच नहीं होगा। वहीं इसका दूसरा कारण लहसुन की बुआई भी हो सकती है। क्योंकि लहसुन की खेती करने के लिए लहसुन के बीज नहीं बल्कि लहसुन की छोटी-छोटी कलियों का ही प्रयोग किया जाता है।