एक 11 साल का लड़का जिसने अपने ही मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट में दी गवाही, कहा- ‘मैं जिंदू हूं…’

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की पीलीभीत पुलिस के साथ एक ऐसी अजीब घटना घटी, जिसने उसे हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के कटघरे में खड़ा कर दिया। एक बच्चा अपनी नीनी मां के घर में रह रहा है, लेकिन उसके पिता ने उसकी हत्या का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर कर दी। कोर्ट ने विवेचना के बाद रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दिया, लेकिन पुलिस ने जांच नहीं की और उसकी हत्या की रिपोर्ट दर्ज कर ली। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसपी और थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। वहीं, बच्चे ने सुप्रीम कोर्ट में पेश होकर अपने जिंदा होने का सबूत दिया है।

क्या है पूरा मामला?

न्यूरिया थाना क्षेत्र के गांव रफियापुर निवासी चराम सिंह ने बताया कि उसने अपनी बेटी मीना की शादी गांव के ही भानुप्रकाश से की थी। शादी के बाद मीना ने एक बेटे को जन्म दिया। जिसका नाम अभय है। साल 2012-13 में मीना की मृत्यु हो गई। जिसके बाद मीना के परिवार ने उसके पति और ससुराल वालों के खिलाफ दहेज व हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसका मामला अदालत में विचाराधीन है।

मीना की मौत के बाद उसके बेटे अभय को उसके नाना-नानी घर ले गए। जिसके बाद बच्चे के पिता भानुप्रकाश ने फैमिली कोर्ट में केस दायर किया। इसके बाद अभय को उसके पिता को सौंप दिया गया। नाना ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में केस दायर किया।

बस यहीं हो गई पुलिस से चूक!

बाद में अभय के पिता ने अदालत के आदेश पर मुकदमा दायर किया, जिसमें आरोप लगाया गया कि ननिहाल वालों ने उनके बेटे अभय की हत्या कर दी। कोर्ट ने मामला दर्ज करने का आदेश दिया। लेकिन न्यूरिया थाना पुलिस ने बिना जांच किए ही बच्चे को मृत घोषित कर दिया और जांच शुरू कर दी।

नाना ने रिश्तेदारों के साथ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

उसके बाद मृत घोषित बच्चे के नाना ने 11 साल के अभय को हाई कोर्ट में पेश किया और बताया कि उनका पोता अभय जिंदा है। न्यूरिया पुलिस ने हत्या की झूठी रिपोर्ट दर्ज की है। हाईकोर्ट में याचिका खारिज हो गई। इसके बाद चरम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। वह अभय को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, जहां उन्होंने अपने जिंदा होने का सबूत पेश किया।

मासूम बच्चे ने भी कोर्ट में गवाही दी कि वह अपनी मां के घर (नानी) में जिंदा और सुरक्षित है। पिता ने उसके मामा और नाना पर झूठा आरोप लगाकर फंसाया है। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने पीलीभीत के एसपी अतुल कुमार और न्यूरिया थाना प्रभारी को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।