नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार इलाके में तीन लोगों ने एक हेयरड्रेसर की कथित तौर पर पिटाई की और उसके बैंक खाते से 75,000 रुपये लूट लिए। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि पीड़िता की तीन आरोपियों में से एक से डेटिंग ऐप पर दोस्ती हुई थी। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अंकित चौहान ने कहा कि मामला 11 दिसंबर को तब सामने आया जब 22 वर्षीय पीड़िता ने उन्हें घटना की जानकारी दी। इस मामले में पीड़ित ने पुलिस को बताया कि वह कुछ दिन पहले डेटिंग ऐप के जरिए एक लड़के के संपर्क में आई थी।
पुलिस के मुताबिक, 8 दिसंबर को उस लड़के ने पीड़िता को संगम विहार इलाके में मिलने के लिए बुलाया। दोपहर में दोनों तय जगह पर मिले और वे एक अन्य व्यक्ति के घर गए। जब उसकी लड़के से बातचीत हुई, तो अचानक दो अन्य लोग आए और वीडियो रिकार्डिंग शुरू कर दी। जब पीड़ित ने इसका विरोध किया तो तीनों ने उसकी पिटाई कर दी। उस दौरान पीड़िता का मोबाइल फोन छीन लिया गया और उसे फोन का पासवर्ड बताने के लिए मजबूर कर दिया। जिसके बाद मजबूर पीड़ता ने पासवर्ड बता दिया और बदमाशों ने उसके खाते से 75,000 रुपये ट्रांसफर कर लिए।
बात दें कि पुलिस ने इस मामले में डकैती का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है और उसके बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी की मदद से गुरुवार को दक्षिण-पूर्वी दिल्ली से तीनों आरोपियों को पकड़ने में कामयाब रही। इनमें से दो की पहचान हरियाणा के फरीदाबाद के अभिषेक भड़ाना (23) और सरिता विहार के अमन सिंह (24) के रूप में हुई है।
दिल्ली पुलिस ने जारी की एडवाइजरी!
बता दें कि इस घटना के सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस ने एक एडवाइजरी जारी की और लोगों से सोशल मीडिया ऐप्स का इस्तेमाल करते समय सतर्क रहने का अनुरोध किया है।
पुलिस ने लोगों को सलाह देते हुए कहा है कि, “नवीनतम साइबर धोखाधड़ी की प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए सभी को ऑनलाइन ऐप, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और नकली वेबसाइटों का उपयोग करना चाहिए, जिसके माध्यम से डेटिंग, हनी ट्रैप, जबरन वसूली और सेक्सटॉर्शन सहित कई तरीकों के बहाने लोगों को धोखा दिया जा रहा है।”
सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अपने कनेक्शन उन लोगों तक ही सीमित रखें जिन्हें आप वास्तव में जानते हैं। एक अज्ञात दोस्त ‘भेड़ के भेष में भेड़िया’ की तरह दुश्मन हो सकता है। अगर आपके सोशल मीडिया अकाउंट पर किसी भी प्रकार की कोई भी असामान्य गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत अपने नजदीकी साइबर पुलिस स्टेशन में इसकी रिपोर्ट करें।