PM मोदी की एक नई योजना, 2026 तक 30 शहर होंगे भिक्षा मुक्‍त और नजर नहीं आएंगे भिखारी

Published

नई दिल्ली/डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार गरीब-गुरबों और हाशिये पर रहने वालों को समाज की मुख्‍य धारा से जोड़ने के लिए कई तरह की कल्‍याणकारी योजनाएं चल रही है. आदिवासियों और अनुसूचित जाति समुदाय से आने वालों लोगों में उद्यमिता का विकास करने को लेकर भी खाास योजनाएं चलाई जा रही हैं. धरातल पर इसका असर भी दिखने लगा है. सामाजिक न्‍याय की अवधारणा को जमीन पर उतारने के लिए मोदी सरकार अब एक और महत्‍वाकांक्षी योजना पर काम कर रही है. केंद्र सरकार ने अपने स्मार्ट सिटी वाले लक्ष्य पर काम करना शुरू कर दिया है.

दरअसल, सरकार की ओर से एक लिस्ट तैयार किया गया है, जिसमें केंद्र ने भिक्षावृत्ति में लगे वयस्कों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के सर्वेक्षण और पुनर्वास के लिए धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण 30 शहरों की पहचान की है.

वर्ष 2026 तक भिक्षा मुक्‍त होंगे 30 शहर

केंद्र सरकार ने चिह्नित 30 शहरों को वर्ष 2026 तक भिक्षा मुक्‍त करने का लक्ष्‍य रखा है. इसके लिए सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भिक्षावृत्ति के लिहाज से हॉटस्‍पॉट क्षेत्रों की पहचान करने के लिए संबंधित जिला एवं नगर निकायों के साथ मिलकर काम करेगा.

सर्वेक्षण और पुनर्वास को लागू करने के लिए चयनित शहरों में अधिकारियों को आश्रय, कौशल, शिक्षा और पुनर्वास प्रदान करने की प्रगति रिपोर्ट मोबाइल ऐप और पोर्टल पर भी अपडेट करनी होगी. अधिकारियों के अनुसार प्रगति के तहत सर्वेक्षण एक समान पैटर्न का पालन कर रहे हैं. सभी भिखारियों से पूछ रहे हैं कि क्या वे भीख मांगना छोड़ना चाहते हैं और इसकी जगह आजीविका के लिए क्या करना चाहते हैं.

अयोध्या से गुवाहाटी और त्र्यंबकेश्वर से लेकर तिरुवनंतपुरम तक के शहर

इस योजना का उद्देश्य देश के 30 शहरों को भिखारी मुक्त करके लोगों का पुनर्वास करना है. उत्तर में अयोध्या से लेकर पूर्व में गुवाहाटी और पश्चिम में त्र्यंबकेश्वर से लेकर दक्षिण में तिरुवनंतपुरम तक के शहर चुने गए हैं. केंद्र सरकार का लक्ष्य भीख मांगने वाले वयस्कों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों का सर्वेक्षण करके उनका पुनर्वास और विकास करना है.

लेखक: इमरान अंसारी