एक ऐसा गांव जहां आज भी होती है रावण की पूजा

Published

नई दिल्ली/डेस्क: आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर विजयादशमी यानी दशहरा (Dussehra 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 24 अक्टूबर, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन पूरे देश में रावण दहन किया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र के अकोला जिले के संगोला गांव में इस दिन रावण की पूजा और महाआरती की जाती है।

यहां रावण की एक प्रतिमा भी है, जो काले पत्थर से बनी है। इस परंपरा का यह विशेष तथ्य है कि इस गांव में रावण दहन नहीं किया जाता, बल्कि उनकी पूजा की जाती है। यहां की रावण की प्रतिमा काले पत्थर से बनी है जिसे धूप, दीप, फूल आदि से सजाकर पूजा जाता है। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी खास बातें…

संगोला गांव के स्थानीय लोग बताते हैं कि यहां हर साल दशहरे का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन गांव के सभी लोग रावण की पूजा करते हैं और महाआरती का आयोजन होता है। मान्यता है कि रावण के आशीर्वाद से ही गांव में खुशहाली है। लोगों का मानना है कि रावण महाविद्वान था। ये परंपरा यहां 300 सालों से चली आ रही है। यहां के लोग रावण के साथ-साथ भगवान श्रीराम की भी पूजा करते हैं।

लेखक: करन शर्मा