Haryana Breaking News: हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गरमा चुका है। राज्य में एक ओर सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां उम्मीदवारों के चयन को लेकर काफी परेशान नजर आ रही हैं।
लेकिन यहां पर भी कांग्रेस की मुश्किलें भाजपा से कुछ ज्यादा ही नजर आ रही हैं। क्योंकि कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तरह ही हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी ‘INDIA’ गठबंधन को मजबूत करना चाहती है। लेकिन पार्टी का यह सपना भी अब टूटता दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में आप को कांग्रेस का गठबंधन मंजूर नहीं है और हरियाणा में अब ये गठबंधन टूटने के कगार पर पहुंच चुका है।
50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी आप- सूत्र
सूत्रों का कहना है कि दोनों पार्टियों के बीच सीटों की संख्या को लेकर सहमती नहीं बन पा रही है। वहीं, आप 50 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। पार्टी ने दावा किया है कि वह रविवार को अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है।
ऐसा नहीं है कि आप को ही कांग्रेस का फॉर्मूला न समझ आया हो। क्योंकि ऐसा ही रिएक्शन कांग्रेस खेमे की ओर से भी देखने को मिला था, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान आप के साथ गठबंधन की संभावना तलाशने में रुचि व्यक्त की थी। उस दौरान भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मुद्दे पर कांग्रेस के भीतर “तीव्र असहमति” के कारण हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा पार्टी की एक बैठक से बाहर चले गए थे और यहीं से ही कांग्रेस में भी अंतकलह देखने को मिली।
कांग्रेस गुटबाजी की समस्या से जूझ रही है
बात दें कि हरियाणा कांग्रेस फिलहाल गुटबाजी की समस्या से जूझ रही है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी फिलहाल दो खेमों में बंट चुकी है। पहला खेमा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का है। वहीं, दूसरे खेमे की अगुवाई कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और चौधरी बीरेंद्र सिंह कर रहे हैं और कुमारी शैलजा पहले कांग्रेस की ओर से सीएम पद के चेहरे पर चुनाव लड़ना चाहती थी।
लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में पार्टी ने इन्हें चेहरों के नाम पर 10 में से 5 सीटों पर अपना कब्जा जमाया था। यही कारण है कि कांग्रेस सीएम फेस को चुनाव से पहले फाइनल नहीं कर पा रही है। लेकिन कांग्रेस ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है। सीएम फेस की माथापच्ची के बीच पार्टी ने एक फॉर्मूला तय किया है, जो गुट सबसे ज्यादा सीटें जीतेगा उसे ही सीएम बनया जायेगा।
शैलजा और सुरजेवाला को रोकने के लिए हुड्डा ने चली चाल!
सूत्रों के मुताबिक, इसी क्रम में दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर की है। उन्होंने मधुसूदन मिस्त्री और अजय माकन समिति के सामने ये बात रखी है। माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के मुकाबले के तौर पर दीपेंद्र सिंह ने ये दावा ठोका है। दीपेंद्र हुड्डा की एंट्री के बाद हरियाणा में कांग्रेस का पेच एक बार फिर से उलझ चुका है।