अडानी ग्रुप को एक बार फिर हुआ भारी नुकसान, कब रुकेगा ये सिलसिला?

Published
फोटो सो. Social Media
फोटो सो. Social Media

नई दिल्ली/डेस्क: अडानी ग्रुप की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है, इतने लम्बे समय से अडानी ग्रुप का हाल पूरी दुनिया देख रही है और अडानी की संपत्ति में इतनी भारी गिरावट देख सब हैरान हो रहे है कि दुनियाभर की अमीरों की लिस्ट में 2 नंबर पर रहना वाला व्यक्ति एकदम इतने नीचे कैसे आ गया है?

अब एक बार फिर उनके ऊपर मुसीबतों का आसमान टूट पड़ा है. ऐसा इसलिए क्योंकि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अब एक नई रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप पर सवाल उठाये हैं. साल की शुरुआत में हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर सवाल खड़े किए थे जिसके बाद से कंपनी को काफी नुकसान हुआ. आलम ये रहा कि अडानी की दौलत आधी हो गई. वहीं, अब दुनिया के दिग्गज निवेशक जॉर्ज सोरोस की ऑर्गेनाइज्ड क्राईम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानि OCCRP ने अडानी ग्रुप के निवेश पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

फर्म का दावा है कि अडानी फैमिली के भागीदारों ने शेयरों में निवेश करने के लिए ‘ऑफ शोर’ यानि Opaque फंड का इस्तेमाल किया है. OCCRP की रिपोर्ट्स के मुताबिक, अडानी ग्रुप के कुछ सार्वजनिक तौर पर कारोबार करने वाले कंपनियों के शेयरों में “अपारदर्शी” मॉरीशस फंड के जरिये लाखों डॉलर का निवेश किया गया है, जिसने अडानी फैमिली के कथित बिजनेस पार्टनर्स की हिस्सेदारी को “अस्पष्ट” किया है. हालांकि, अडानी ग्रुप ने OCCRP की रिपोर्ट को बकवास बताया है.

ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट यानी ओसीसीआरपी की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है. अडानी ग्रुप की ओर से आरोपों का खंडन करने के बाद भी शेयरों में बिकवाली देखने को मिल रही है. सभी दस के दस शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं. अडानी पॉवर के शेयरों में 3 फीसदी से अधिक की गिरावट आई, जबकि अडानी ट्रांसमिशन के शेयर 3.3 फीसदी तक गिर गए.

अडानी एंटरप्राइजेज के शेयर की कीमत में 2.50 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी टोटल गैस में 2.25 प्रतिशत की गिरावट आई. अडानी ग्रुप के सभी 10 के दस लिस्टेड कंपनियों में गिरावट की वजह में ग्रुप के कुल मार्केट कैप में 35624 करोड़ की गिरावट दर्ज की गई है. बुधवार के कारोबार खत्म होने तक ग्रुप का मार्केट कैप 10,84,668.73 करोड़ था जो अब घटकर 10,49,044.72 करोड़ पर आ गया है.