महिलाओं पर अत्याचार से संबंधित मामले पर ADR की रिपोर्ट आई सामने, देश के MPs और MLAs पर किया विश्लेषण

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ADR Report On MP And MLA: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच ने पिछले 5 वर्षों में भारत के सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के 776 में से 755 मौजूदा सांसदों और विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। जिसमें 4033 में से 3938 विधायकों और 776 में से 755 सांसदों के हलफनामे शामिल हैं। रिपोर्ट में 5 साल की अवधि के दौरान इस्तीफे, मृत्यु या किसी अन्य कारण से हुए उपचुनावों का विश्लेषण भी शामिल है।

यह डेटा वर्तमान रिपोर्ट में वर्ष 2019 से 2024 तक हुए चुनावों के दौरान उम्मीदवारों यानी सांसदों और विधायकों द्वारा ईसीआई को प्रस्तुत और दायर किए गए हलफनामों (फॉर्म 26) से निकाला गया है। इन हलफनामों और वर्तमान रिपोर्टों के आधार पर, आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति ज्ञात नहीं है और यह मामला-दर-मामला आधार पर भिन्न हो सकती है। रिपोर्ट में प्रयुक्त सभी डेटा और सूचना की पूर्णता, समयबद्धता और तात्कालिकता ऐसे डेटा और सूचना के विविध संसाधनों पर निर्भर हैं, जो एडीआर के नियंत्रण से परे हैं।

महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले वर्तमान सांसदों / विधायकों का विश्लेषण

  • 755 वर्तमान सांसदों और 3938 वर्तमान विधायकों में से 151 वर्तमान सांसदों और विधायकों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।
  • इन 151 वर्तमान सांसदों और विधायकों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये है, जिसमें 16 वर्तमान सांसद और 135 वर्तमान विधायक है।
  • 151 वर्तमान सांसद / विधयाक ऐसे है, जिन्होंने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं। जिसमें स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग (आईपीसी-354), विवाह आदि के करने को विवश करने के लिए किसी स्त्री को व्यपहृत करना, अपहृत करना या उत्प्रेरित करना (आईपीसी-366), बलात्कार (आईपीसी-376), जो कोई भी एक ही महिला के साथ बार-बार बलात्कार करेगा, उसे कठोर कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि दस वर्ष से कम नहीं होगी, लेकिन इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है (आईपीसी-376 (2) (n)), किसी स्त्री के पति या पति के नातेदार द्वारा उसके प्रति क्रूरता करना (आईपीसी-498A), वेश्यावृत्ति के प्रयोजन के लिए नाबालिग को खरीदना आदि (आईपीसी-373) और किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने से सम्बन्धित (आईपीसी-509)।

देश के कई राजनीतिक दलों के सांसद और विधायक पर रेप का मामला है दर्ज

ADR के रिपोर्ट के अनुसार देश में आज की ऐसे राजनीतिक दल भी हैं जिसके सांसद और विधायकों पर रेप जैसे गंभीर मामलें भी दर्ज है। आपको हम चार्ट के माध्यम से इसको समझाते हैं कि किन किन राजनीतिक दलों में कितने ऐसे दागी सांसद और विधायक हैं।

ADR ने अपने विश्लेषण में की कुछ अहम सिफारिशें

ADR ने अपने विश्लेषण में कुछ सिफारिशें भी की है जिसमे सभी प्रमुख राजनीतिक दल महिलाओं के खिलाफ अत्याचार विशेष रूप से बलात्कार सम्बन्धित मामलों वाले उम्मीदवारों को टिकट देते हैं, और इसलिए नागरिकों के रूप में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान में बाधा डालते हैं। ये गंभीर मामले हैं जिन पर अदालतों द्वारा या तो आरोप तय किये गए हैं या फिर संज्ञान लिया गया है। इन आंकड़ों से हमारी राजनीतिक प्रणाली में गंभीर खराबी और आघात का पता चलता है। महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामलों वाले धनबली और बाहुबली सांसद / विधायक प्रणाली को नष्ट करने में सक्षम है, अपने प्रभाव का उपयोग करके पुलिस जांच में हस्तक्षेप करते है, अपने लाभ के लिए न्यायिक देरी का उपयोग करते है और कुछ मामलों में लगातार पीड़ितों और उनके परिवार वालों को परेशान करते है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और नेशनल इलेक्शन वॉच इसकी दृढ़ता से अनुशंसा करते हैं।

  • आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने पर रोक लगनी चाहिए।
  • फरवरी 2020 में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशनुसार, राजनीतिक दलों को इस बात की घोषणा करनी चाहिए कि आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए टिकट क्यों दिया जाता है।
  • सांसदों और विधायकों के खिलाफ न्यायिक मामलों की पुलिस द्वारा गहन जांच शीघ्र गति एवमं समयबद्ध तरीके से न्यायालय की निगरानी में होनी चाहिए। मतदाताओं को महिलाओं के ऊपर अत्याचार और अन्य जघन्य अपराधों से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों का चुनाव करने से बचना चाहिए।