रांची: झारखंड सरकार ने राज्य में जातीय जनगणना कराने की दिशा में कदम बढ़ाया है। राज्य के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने कार्मिक विभाग को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के आदेश दिए हैं और उम्मीद जताई है कि इस प्रस्ताव को कैबिनेट में मंजूरी मिलेगी। यह भी संकेत हैं कि लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही राज्य सरकार जातीय जनगणना करा सकती है।
बिहार के बाद दूसरा राज्य होगा झारखंड!
अगर ऐसा होता है तो बिहार के बाद झारखंड देश का दूसरा राज्य बन जाएगा, जहां जातीय जनगणना होगी। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इसके पक्षधर होने की घोषणा की थी। विधानसभा में पूछे गए प्रश्नों के जवाब में सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह जातीय जनगणना कराएगी, लेकिन कब कराएगी यह तय नहीं किया गया था।
चंपई सोरेन ने हाल ही में राज्य में लंबे समय से लंबित पिछड़ा वर्ग आयोग को मंजूरी दी और उसके अध्यक्ष के रूप में पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद को नियुक्त किया गया। इस आयोग को नगर निकायों में पिछड़ी जातियों के आरक्षण प्रतिशत तय करने का कार्य सौंपा गया है।
प्रदेश कांग्रेस विधायक दल के उपनेता प्रदीप यादव ने मुख्यमंत्री से जातीय जनगणना की मांग को लेकर एक ज्ञापन सौंपा है और पिछड़ों के आरक्षण को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की है। इसके बाद सीएम ने कार्मिक विभाग को प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा है।