पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना का मुकाबला करने में विफल रहने के बाद चीन की नज़र अब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) पर है। हाल ही में सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि चीन कजाकिस्तान में 13,000 फीट की ऊंचाई पर एक गुप्त सैन्य अड्डा बना रहा है, जो POK के करीब है। इस अड्डे पर चीन आर्टिलरी भी तैनात करने की योजना बना रहा है।
चीन का मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करना
चीन ने इन खबरों को खारिज करते हुए इन्हें निराधार बताया है। चीनी दूतावास ने स्पष्ट किया है कि कजाकिस्तान में सैन्य अड्डे से जुड़ी सभी खबरें झूठी हैं और यह मुद्दा चीन और कजाकिस्तान के बीच एजेंडे में नहीं है।
विस्तारवादी नीति का परिचय
चीन अपनी विस्तारवादी नीति के लिए जाना जाता है और पड़ोसी देशों की भूमि पर कब्जा करने के प्रयास में लगा रहता है। ‘द टेलीग्राफ’ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन पिछले एक दशक से कजाकिस्तान में इस सैन्य अड्डे का निर्माण कर रहा है। कजाकिस्तान, जो सोवियत संघ से अलग होकर स्वतंत्र बना था, में स्थित यह अड्डा चीन की विस्तारवादी नीति का एक और उदाहरण है।
सैन्य अड्डे का रणनीतिक महत्व
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सैन्य अड्डे पर निगरानी टावर भी लगाए गए हैं। यह स्थान अफगानिस्तान की सीमा के करीब है और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, इसे 2021 में “काउंटर टेरर बेस” के रूप में स्थापित किया गया था।
मध्य एशिया में चीन की बढ़ती पकड़
चीन इस सैन्य अड्डे के ज़रिए मध्य एशिया में अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है। कज़ाकिस्तान में स्थित यह बेस न सिर्फ़ सुरक्षा के लिहाज़ से अहम है बल्कि इससे क्षेत्रीय प्रभाव बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। इस तरह चीन की यह गतिविधि उसकी विस्तारवादी नीति का एक और सबूत है, जो पड़ोसी देशों के ख़िलाफ़ जारी है।
लेखक: करन शर्मा