आजादी के बाद ओलंपिक में अब तक भारत ने जीते कुल 30 मेडल्स,पढ़े भारत का पूरा ओलंपिक इतिहास

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India Performance After Independence In Olympics: 26 जुलाई से फ्रांस की राजधानी पेरिस में ओलिंपिक की शुरुआत हो जायेगी। जिसमें कुल लगभग 10500 के करीब खिलाड़ी इस बार हिस्सा लेंगे। वहीं इस बार भारत की तरफ से कुल 117 खिलाड़ियों के दल को भेजा गया है, जो विभिन्न खेलों के इवेंट में हिस्सा लेंगे। अगर बात भारत के अब तक के रिकॉर्ड की करें तो साल 1947 में जब भारत को आजादी मिली थी उसके बाद से अब तक 19 ओलंपिक में देश के खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है लेकिन एक बार भी पदकों की संख्या दहाई का आंकड़ा पार करने में कामयाबी नहीं मिली थी। हालांकि इस बार पूरे देश के फैंस को अपने खिलाडियों सेउम्मीद है कि हमारे एथलीट अधिक मेडल जीत कर लाएंगे।

साल 1948 के लंदन ओलंपिक में गए 86 खिलाड़ी लेकिन पदक जीता सिर्फ एक

आजादी के बाद भारत ने साल 1948 में लंदन में आयोजित हुए ओलंपिक खेलों में पहली बार हिस्सा लिया था। इसमें 9 अलग-अलग खेलों के इवेंट में हिस्सा लेने के लिए 86 खिलाड़ियों के दल को भेजा गया था लेकिन पदक सिर्फ एक ही जीतने में सफलता हासिल हो सकी थी। ये पदक भारत ने हॉकी में जीता था जिसमें गोल्ड मेडल जीतने में कामयाबी हासिल हुई थी।

साल 1952 में केडी जाधव ने रचा था इतिहास, लेकिन फिर भी मात्र 2 ही पदक आए थे हाथ

साल 1952 में ओलंपिक खेलों का आयोजन हेलसिंकी में किया गया था। इसमें भारत की तरफ से 64 एथलीट का दल भेजा गया था । आपको बता दें यह पहला मौका था जब आजादी के बाद पहली बार भारत की तरफ से किसी ने एथलीट ने व्यक्तिगत इवेंट में मेडल जीता था। भारत के फ्रीस्टाइल रेसलर केडी जाधव ने कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके अलावा हॉकी टीम एक बार फिर से गोल्ड मेडल को अपने नाम करने में कामयाब रही थी।

1956 और 1960 ओलंपिक में आया सिर्फ एक – एक मेडल

मेलबर्न में साल 1956 में हुए ओलंपिक खेलों में भारत की तरफ से कुल 59 एथलीटों का दल गया था। जिसमें भारत को सिर्फ एक मेडल से संतोष करना पड़ा था। वहीं 1960 के ओलंपिक में भारत के बड़े खिलाडी मिल्खा सिंह मेडल जीतने से चुक गए थे लेकिन भारतीय हॉकी टीम ने सिल्वर जीतकर भारत को एक मेडल दिलवाई थी।

1964 ओलंपिक में आया गोल्ड तो 1968 और 1972 में कांस्य पदक से करना पड़ा संतोष

भारतीय हॉकी टीम का ओलम्पिक में शुरू से दबदबा रहा है और साल 1964 में हुए ओलंपिक खेलों में एक बार फिर से गोल्ड मेडल को अपने नाम किया था। हालांकि इसके बाद मेक्सिको में हुए 1968 के ओलंपिक खेलों और म्यूनिकख में हुए 1972 के ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम का प्रदर्शन बहुत ख़राब रहा था और टीम को कांस्य पदक से संतोष करना था।

1976 ओलंपिक में रही झोली खाली, तो 1980 में आया सिर्फ एक पदक

भारतीय टीम का ओलंपिक के इतिहास में आजादी के बाद सबसे खराब प्रदर्शन साल 1976 में मॉन्ट्रियल ओलंपिक में देखने को मिला जहां मात्र 20 खिलाड़ियों के दल ने इस ओलंपिक में हिस्सा लिया था लेकिन कोई भी पदक जीतने में कामयाब नहीं। इसके बाद 1980 में हुए मास्को ओलंपिक में भारत ने गोल्ड मेडल के रूप में सिर्फ एक पदक जीता था जो हॉकी के इवेंट में आया था।

लिएंडर पेस ने खत्म किया पदक का सूखा साल 1996 में अटलांटा में जीता कांस्य

भारत के 12 साल के सूखे को ख़त्म किया भारतीय टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस ने।
लगातार तीन ओलंपिक में एक भी पदक नहीं आने के बाद भारत ने साल 1996 में अटलांटा ओलंपिक में हिस्सा लिया जिसमें पहली बार टेनिस के इवेंट में लिएंडर पेस ने इतिहास रचते हुए भारत को पदक दिलाया। भारत क हाथ 1984 के बाद पहली बार 1996 में कोई पदक हासिल हुआ था।

कर्णम मल्लेश्वरी ने साल 2000 वहीं एथेंस ओलंपिक में निशानेबाजी में आया सिल्वर मेडल

भारत के लिए ऐतिहासिक पल तब आया जब ओलंपिक के इतिहास में महिला एथलीट के तौर पर पहला पदक जीतने का रिकॉर्ड वेटलिफ्टर कर्णम मल्लेश्वरी के नाम पर दर्ज है। सिडनी में हुए 2000 के ओलंपिक खेलों में कर्णम ने कांस्य पदक को अपने नाम किया था, जिसमें भारत को सिरदफ यही एकमात्र मैडल मिला था।

वहीं साल 2004 में ओलंपिक खेलों का आयोजन एथेंस में हुआ था। इसमें भारत की तरफ से विभिन्न खेलों में हिस्सा लेने के लिए कुल 73 एथलीटों का दल गया था जिसमें से सिर्फ राज्यवर्धन सिंह राठौर ही पदक जीतने में कामयाब हो सके थे। बता दें कि राज्यवर्धन सिंह राठौर मोदी सरकार में मंत्री भी रहे हैं।

बीजिंग ओलंपिक में 3 तो लंदन ओलंपिक 2012 में आए कुल 6 मेडल

बीजिंग में साल 2008 के ओलंपिक खेलों में भारत ने कुल 3 मेडल जीते थे, जिसमें एक गोल्ड और 2 कांस्य पदक शामिल थे। 1952 ओलंपिक खेलों के बाद ये पहला मौका था जब भारत ने 2 या उससे अधिक मेडल जीतने में कामयाबी हासिल की। वहीं इसमें सबसे बड़ी उपलब्धि निशानेबाजी के 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में अभिनव बिंद्रा हासिल की थी जिन्होंने देश के लिए पहला व्यक्तिगत गोल्ड मेडल जीतने वाले खिलाड़ी बने थे। वहीं इसके अलावा 2 कांस्य पदक कुश्ती में आए थे जो सुशील कुमार और विजेंदर सिंह ने जीतने में कामयाबी हासिल की थी।

रियो ओलंपिक आए सिर्फ 2 तो टोक्यो ओलंपिक में दिखा दम आया कुल 7


रियो ओलंपिक में भारत को जितनी उम्मीद थी उतना पदक जीतने में भारत सफल नहीं हो पाया था और मात्र 2 पदक जीतने में कामयाबी मिली जिसमें एक सिल्वर और एक कांस्य पदक के रूप में शामिल था। इसमें एक पीवी सिंधु ने जीता जबकि एक मेडल साक्षी मलिक को जीत सकी थी।

अभी तक के ओलंपिक में भारत की तरफ से सबसे शानदार प्रदर्शन 2020 टोक्यो में हुए पिछली बार के ओलंपिक में देखने को मिला था जिसमें एक गोल्ड, 2 सिल्वर और 4 कांस्य पदक सहित भारत की झोली में कुल 7 पदक आए थे। इसमें जेवलिन थ्रो इवेंट में नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल पर निशाना लगाया था। इसके अलावा 41 साल के बाद भारतीय हॉकी टीम कोई पदक जीतने में कामयाब हो सकी थी।

लेखक – आयुष राज