शराब घोटाले के बाद अब मोहल्ला क्लिनिक घोटाले पर फंसी AAP

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नई दिल्ली/डेस्क: दिल्ली में केजरीवाल सरकार की ओर से चलाए जा रहे मोहल्ला क्लिनिक में फर्जीवाड़े के आरोपों की CBI जांच का उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने आदेश दे दिया है. राज निवास की ओर से गुरुवार को यह जानकारी दी गई. स्वास्थ्य विभाग की जांच में सामने आया है कि यहां ऐसे मरीजों को लैब टेस्ट कराए जा रहे थे, जो वास्तव में थे ही नहीं. इन्हें घोस्ट पेशेंट कहा जाता है. ऐसा प्राइवेट लैब को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा था.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. आम आदमी पार्टी का शीर्ष नेतृत्व अभी कथित शराब घोटाले का ताप झेल ही रहा है कि मोहल्ला क्लिनिक घोटाले का शोर भी सुनाई देने लगा है. दिल्ली के केवल 7 मोहल्ला क्लीनिक के सैंपल डेटा से पता चला है कि डॉक्टर क्लीनिक में नहीं आते थे, इसके बावजूद मरीजों को दवाएं लिखी गईं, उनके टेस्ट करवाए गए. बताया जा रहा है कि इसका फायदा 2 निजी प्रयोगशालाओं को हुआ. हजारों मरीजों के फोन नंबर कथित तौर से फर्जी तरीके से लिखे पाए गए हैं. जांच में पता चला कि जिन मरीजों के नाम पर टेस्ट लिखे गए, उनका मोबाइल नंबर या तो भरा नहीं गया या फिर मोबाइल नंबर की जगह जीरों लिख दिया गया.

विजिलेंस और हेल्थ डिपार्टमेंट की जांच में कहा गया है कि ये घोटाला कई सौ करोड़ रुपये का है. बीजेपी ने मांग की है कि इस मामले में भी अरविंद केजरीवाल से पूछताछ होनी चाहिए.

सौरभ भारद्वाज ने BJP को कहा ?

सौरभ भारद्वाज का कहना है कि उन्होंने बीते साल 21 अप्रैल को आदेश दिए थे कि मोहल्ला क्लीनिकों के औचक निरीक्षण के लिए सीनियर डॉक्टर की फ्लाइंग स्क्वाड बनाई जाए. नगर स्वास्थ्य सचिव और DGHS ने कोई कार्रवाई नहीं की. उन्होंने 8 मई को स्वास्थ्य सचिव को आदेश दिया कि फ्लाइंग स्क्वॉड के निर्देश पर क्या कार्रवाई हुई उसकी ATR भेजें. स्वास्थ्य सचिव का कोई जवाब नहीं आया. उन्होंने कहा कि मैंने फिर 12 जून को स्वास्थ्य सचिव से पूछा कि जिन अधिकारियों ने अभी तक मोहल्ला क्लीनिक का इंस्पेक्शन शुरू नहीं किया उन सभी से स्पष्टीकरण मांगा जाए. इस पर भी स्वास्थ्य सचिव ने कोई कार्रवाई नहीं की.

लेखक: इमरान अंसारी