वक्फ बोर्ड संशोधन बिल 2024 पर अफजल अमानुल्लाह ने दी सरकार को नसीहत, गिनाई विधेयक की पांच गलतियां

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वक्फ संशोधन बिल 2024
वक्फ संशोधन बिल 2024

अफजल अमानुल्लाह, सेवानिवृत्त 1979 बैच के आईएएस हैं। केंद्रीय संसदीय मामलों के सचिव भी रह चुके हैं। इससे पहले वे लंबे समय तक बिहार में गृह सचिव रहे हैं। वक्फ बोर्ड को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। इसे लेकर अफजल अमानुल्लाह ने सरकार की पांच गलतियां बताई।

उन्होंने कहा कि, जो हंगामा वक्फ संशोधन बिल के संबंध में हो रहा है, वह बिना सर पैर का है। हिंदुओं का धार्मिक न्यास दान और एंडोमेंट होता है, उसके लिए अलग-अलग राज्यों में एक्ट बने हुए हैं। जैसे तमिलनाडु हिंदू रिलीजियस एंड चैरिटेबल एंडोमेंट एक्ट, आंध्र प्रदेश चैरिटेबल एंड हिंदू रिलीजियस इंस्टीट्यूशन एंड एंडोमेंट एक्ट, तेलंगाना चैरिटेबल हिंदू रिलिजन एंडोमेंट एक्ट, उड़ीसा हिंदू रिलिजन एंड गवर्नमेंट एक्ट। बिहार हिंदू रिलीजियस ट्रस्ट एक्ट और सिखों के लिए सिख गुरुद्वारा एक्ट।

हिंदुओं को मुसलमानों के वक्फ से कोई मतलब होना नहीं चाहिए- अफजल अमानुल्लाह

मुसलमानों के लिए वक्फ एक्ट है, तो हिंदुओं के लिए, सिखों के लिए मुसलमान के लिए अलग-अलग एक्ट है और यह अलग-अलग एक्ट हिंदू अपना, सिख अपना और मुसलमान अपना चलाते हैं। हालांकि, मुसलमान वक्फ में बोर्ड बनता है, सारा कमर्शियल बनता है, वह सरकार बनाती है। लेकिन फिर भी उसमें अभी तक मुसलमान रहते हैं। जैसे मुसलमानों को हिंदुओं या सिखों के धार्मिक ट्रस्ट एंडोमेंट से कोई मतलब नहीं है। वैसे ही हिंदुओं को भी मुसलमानों के वक्फ से कोई मतलब होना नहीं चाहिए। लेकिन देशवासियों को आपस में लड़ाने और डराने के नाम पर वर्षों से यह कार्यक्रम चल रहा है और अभी वक्फ एक्ट में जो संशोधन का बिल आया है उसके नाम पर हिंदुओं को बरगलाया जा रहा है।

सबसे पहला झूठ, भारत में सरकार की वक्फ की संपत्ति थर्ड लार्जेस्ट लैंड होल्डिंग है- अफजल अमानुल्लाह

सबसे पहले जो गलत बयानी सरकार की तरफ से हुई है, वह कह रही है भारत में सरकार की वक्फ की संपत्ति थर्ड लार्जेस्ट लैंड होल्डिंग है। 32 वक्फ board के अंदर में ये आता है, तो हिंदुस्तान के सभी राज्यों में वक्फ में इतनी जमीन है जो तीसरा लार्जेस्ट लैंड का चंक है। 9.4 लाख सरकार एस्टीमेट करती है, जो कि सरकार के प्रधानमंत्री के इकोनॉमिक अफेयर्स अकाउंट एडवाइजरी काउंसिल के चेयरमैन ने बताया है। अभी कहां से नौ लाख का फिगर लाए है, ये पता नहीं है। उन्होंने कोई सोर्स भी नहीं दिया। कहते हैं कि डिफेंस मिनिस्ट्री और रेलवे मिनिस्ट्री के बाद ये तीसरा सबसे बड़ा लैंड होल्डिंग है।

सरकार झूठ बोल रही है- अफजल अमानुल्लाह

झूठ कहां बोला जा रहा है… सबसे बड़ा जमीन का चंक मुसलमान के वक्फ के में है। झूठ इसलिए पकड़ा जाता है कि सिर्फ तीन राज्यों का, तमिलनाडु में हिंदुओं के ट्रस्ट का 4 लाख 78 हजार एकड़ है, आंध्र प्रदेश में 4 लाख 65 हज़ार एकड़ है, तिरुपति का जो आंध्र प्रदेश तमिलनाडु में है वो 7 हजार एकड़ है और तेलंगाना का 87 हजार 2 सौ 35 एकड़ है। कुल मिलाकर के केवल तीन राज्य हिंदुस्तान के 10 लाख 37 हज़ार 358 एकड़ है। यहां सरकार बोल रही है 9 लाख और सत्य कमिटी बोलती है 6 लाख। जबकि हिंदू रिलीजियस एंडोमेंट में तीन ही राज्य में 10 लाख से ज़्यादा एकड़ है। यह सरासर सरकार ने झूठ बोला है और झूठ बोलकर के बरगला रही है कि इतना सारा लैंड पड़ा हुआ है।

मंत्री झूठ बोल रहे हैं कि इस बिल में वह नया प्रोविजन कर रहे हैं- अफजल अमानुल्लाह

दूसरा, जब यह बिल पार्लियामेंट में पेश किया गया तो अल्पसंख्यक कल्याण के मंत्री ने कहा कि हम इस बिल में औरतों को रिप्रेजेंटेशन दे रहे हैं। उनका झूठ उन्हीं से पकड़ा जाता है, उन्होंने लिख कर और ये ऑब्जेक्ट्स एंड रीजंस में दिया है कि हम लोग इंश्योर कर रहे हैं कि रिप्रेजेंटेशन ऑफ मुस्लिम वुमेन हो, यदि आप एक्ट को देखेंगे तो एक्ट में ही 10 साल से पहले से दो मुस्लिम महिला का प्रावधान है और मंत्री झूठ बोल रहे हैं कि इस बिल में वह नया प्रोविजन कर रहे हैं।

इस एक्ट में जो लिखा हुआ है वह है कि कम से कम दो मुस्लिम औरतें रहेंगी। वह केवल दो कह रहे हैं। यह महिला के खिलाफ में डिस्क्रिमिनेशन कर रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं। संसद में मंत्री ने झूठ बोला, आप कह रहे हैं कि हम औरतों का प्रोविजन अभी कर रहे हैं, जो कि पहले से ही आपके एक्ट में है। या तो मंत्री माफी मांगे, क्षमा मांगे पूरे देश से और संसद से, कि हमने गलत बोला है और नहीं तो प्रिविलेज करें, एमपी लोग प्रिविलेज करें।

तीसरा झूठ, जमीन को हड़पा जा रहा है- अफजल अमानुल्लाह

तीसरा झूठ, लोगों के सामने रखा गया है कि वक्फ बोर्ड है, वह जमीन को ग्रैब कर रहा है, जमीन को हड़प रहा है। वह कोई भी संपत्ति को वक्फ संपत्ति डिक्लेअर करके हड़प लेगा और कोई अपील नहीं है। सबसे पहले, सर्वे होता है वक्फ संपत्ति का, सर्वे कमिश्नर सरकार का होता है, सरकारी पदाधिकारी होता है, सरकार उसको तनख्वाह देती है और वह नियम के अनुसार से सर्वे करता है। अगर वक्फ बोर्ड इंक्वारी करता है किसी संपत्ति का हम वक्फ है या नहीं, तो उसका भी नियम सरकार ने बनाया है। नोटिस होता है, जांच होती है।

अगर वक्फ बोर्ड के फाइनडिंग से या आदेश से किसी को दिक्कत है तो वह न्यायाधिकरण में अपील करता है। न्यायाधिकरण में भी जैसे वक्फ बोर्ड में सारे लोग सरकार भरती है उसमें भी वैसे ही न्यायाधिकरण में जज है और दो सदस्य हैं। वो हाई कोर्ट, सुप्रीम कोर्ट भी जा सकता है। तो यह कैसे कहा जा रहा है कि लैंड ग्रैब हो रहा है, कोई भी संपत्ति वक्फ डिक्लेयर कर सकता है और कोई अपील नहीं होता है।

सरकार का चौथा झूठ

चौथे प्वाइंट में इनका कहना है सरकार इस संशोधन विधेयक में जो नया रिफॉर्म ला रही हैं वह वक्फ में लैंड माफियाओं के कंट्रोल को खत्म करेगा। लेकिन उनका झूठ यहीं पकड़ा जाता है। क्योंकि, पहले से ही ऐसी व्यवस्था वक्फ में मौजूद है, जिसके अंतगर्त लैंड माफियों की गड़बड़ी सामने आने पर उम्र कैद की सजा दी जाती है। जिसे इस विधेयक में जगह नहीं दी गई है और माफियो को अब एक निश्चित समय के लिए कारावास मिलेगा, मतलब मामूली कैद। अब आप बताइए कि लैंड माफियायों को वह कंट्रोल कर रहे हैं या छूट दे रहे हैं?

सरकार खत्म कर रही है लिमिटेशन एक्ट

पांचवी बात, सरकार ने कहा है कि हम बोहरा और आगाखानी, इसके लिए अलग वक्फ वक्फ बोर्ड बनाएंगे। अब बोहरा और आगाखानियों को सिया बोर्ड में आते हैं सुन्नी वक्फ बोर्ड और सिया वक्फ बोर्ड है। तो अलग-अलग आप क्यों कर रहे हैं? इसका सरकार ने कोई तर्क नहीं दिया है। ये सब मुसलमान को अलग करने के लिए कर रहे हैं।

लेकिन जब हमने स्टडी किया, तो पाया कि इसका असल कारण यह है कि हिन्दुस्तान के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी ने मुंबई में अपना घर बनाया है, वह घर आगां खान वक्फ संपत्ति के ऊपर है। एक तो आगां खान वाला वक्फ अलग कर रहे हैं और लिमिटेशन एक्ट सरकार खत्म कर रही है। ताकि मुकेश अंबानी का घर अब वापस नहीं लिया जा सकता है, तोड़ा नहीं जा सकता है। मामला कोर्ट में चल रहा है, तो उसको खत्म करने का पूरा हिसाब-किताब कर लिया गया है।

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