दिल्ली-NCR में जहरीली होती हवा, GRAP-3 के तहत कई प्रतिबंध लागू, लगेंगी ये पाबंदियां

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दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ता जा रहा है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘गंभीर’ स्तर तक पहुंचने के कारण वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने आज से GRAP-3 के तहत सख्त प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. इस चरण के लागू होने से बच्चों के स्कूल, परिवहन, निर्माण गतिविधियों समेत कई कार्यों पर कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं.

बच्चों की शिक्षा पर असर

GRAP-3 के लागू होने के बाद बच्चों के स्कूलों पर इसका बड़ा असर पड़ा है. दिल्ली-NCR में अब कक्षा 5 तक के बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन मोड में कराई जाएगी. प्रदूषण का स्तर और अधिक खराब होने पर GRAP-4 लागू किया जा सकता है, जिसमें बच्चों और बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने की सख्त मनाही होगी.

परिवहन पर प्रतिबंध

GRAP-3 के तहत डीजल से चलने वाले लाइट मोटर व्हीकल (LMV) और डीजल चालित चार पहिया वाहनों के दिल्ली-NCR में प्रवेश पर रोक लगाई गई है. इसके अलावा, बीएस-III पेट्रोल वाहन भी प्रतिबंधित रहेंगे. सार्वजनिक परिवहन की सेवाओं को बढ़ाने के लिए दिल्ली मेट्रो की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाएगी, और ऑफिस आवर्स में अतिरिक्त फेरियां लगाई जाएंगी.

कंस्ट्रक्शन और तोड़फोड़ गतिविधियों पर सख्ती

दिल्ली-NCR में कंस्ट्रक्शन साइट्स पर धूल को नियंत्रित करने के लिए सख्ती बरती जा रही है। धूल उड़ाने वाले सभी निर्माण और तोड़फोड़ के कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है. लैंडफिल साइट्स पर खास ध्यान रखा जाएगा, जबकि पूरे NCR में स्टोन क्रशर का संचालन और खनन संबंधित गतिविधियां रोक दी गई हैं.

GRAP-3 के तहत और भी कई प्रतिबंध लगाए गए हैं, जैसे…

पेंटिंग, वेल्डिंग और गैस कटिंग कार्यों पर रोक.
सड़कों की सफाई के दौरान झाड़ू लगाने पर प्रतिबंध.
बिल्डिंग ढहाने के बाद मलबे के परिवहन पर प्रतिबंध.
टाइल्स की कटिंग, ग्राइंडिंग, और फिक्सिंग पर रोक.
ईंट की चिनाई और वाटरप्रूफिंग जैसे कार्यों पर भी रोक.

GRAP-3 का उद्देश्य ?

ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण के खतरों को कम करने का एक नियोजित उपाय है. GRAP-3 तब लागू किया जाता है जब AQI गंभीर स्तर पर पहुंचता है, जिससे लोगों की सेहत पर प्रतिकूल असर पड़ने की संभावना बढ़ जाती है. बता दें कि इन प्रतिबंधों का मुख्य उद्देश्य वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को नियंत्रित करना और लोगों की सेहत को सुरक्षित रखना है.